
अब आंसुओं का हिसाब होगा” — आतंक पर गरजे योगी आदित्यनाथ, कहा: आतंकी बख्शे नहीं जाएंगे
📍 कानपुर, उत्तर प्रदेश | 24 अप्रैल 2025
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद देशभर में आक्रोश है। इस हमले में उत्तर प्रदेश के कानपुर निवासी शुभम द्विवेदी भी शहीद हुए, जो महज़ दो महीने पहले विवाह बंधन में बंधे थे। इस त्रासदी के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज एक प्रेस वार्ता में कड़े शब्दों में आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश दिया।
🔥 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख्य बयान:
🗣️ “आतंकवादियों को छोड़ा नहीं जाएगा, चाहे वो कहीं भी छिपे हों।”
योगी ने कहा कि हमारी सरकार उनकी नहीं है जो आतंकवादियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेती है, बल्कि यह वो सरकार है जो दुश्मनों को उन्हीं की सीमा में घुसकर जवाब देती है।
🗣️ “शुभम द्विवेदी की शहादत पूरे उत्तर प्रदेश का शोक है।”
योगी ने गहरे दुख के साथ बताया कि कानपुर के शुभम द्विवेदी, जिनकी हाल ही में शादी हुई थी, पहलगाम हमले में शहीद हो गए। उन्होंने कहा, “मैंने उनके परिवार से बात की है। आज जिस घर में शादी का जश्न गूंजा था, वहां मातम पसरा है।“
🗣️ “बहन-बेटियों के सामने सिंदूर उजड़ता देखना अब बर्दाश्त नहीं होगा।”
मुख्यमंत्री ने भावुक होकर कहा कि अब समय आ गया है कि भारत आतंकियों को धूल चटाए। जो भारत को शांत समझता है, वो भूल कर रहा है।
🇮🇳 भारत की नीति अब: ज़ीरो टॉलरेंस
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की प्रशंसा करते हुए कहा:
“देश अब ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति पर चलेगा। चाहे आतंकवादी देश के अंदर हों या बाहर, उनका अंत सुनिश्चित है।“
गृहमंत्री ने भी हमले के बाद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया है और सीधे जमीनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। सरकार ने पाकिस्तान पर पहले ही कई कड़े फैसले लिए हैं:
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पाकिस्तानी दूतावास बंद
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वीजा रद्द
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सिंधु जल समझौता स्थगित
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अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट सील
🕯️ “हर आंसू का हिसाब होगा” – योगी आदित्यनाथ
“पहलगाम में जो हुआ, वह केवल आतंकवाद नहीं था, वह भारत की आत्मा पर हमला था।“
“अब हर आंसू, हर सिसकी का हिसाब होगा।“
मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि यह अंतिम दौर है आतंकवाद का, और भारत अब माफ करने की नहीं, मारने की नीति पर आगे बढ़ेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज साबित कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ उनकी सोच सिर्फ भाषण नहीं, एक्शन में बदलने की तैयारी है। एक ओर श्रद्धांजलि, दूसरी ओर कड़ा जवाब — यह वही नीति है जिसकी आज देश को सबसे ज्यादा जरूरत है।
भारत का संदेश साफ है:
“अब आंख के बदले आंख नहीं, सिर के बदले सिर लिया जाएगा।”