
लक्ष्म्या स्तनुत उत्पन्नं महादेवस्य च प्रियम्
बिल्ववृक्षं प्रयच्छामि एक बिल्वं शिवार्पणम्।
अर्थ: यह श्लोक भगवान विष्णु की प्रिय देवी लक्ष्मी के वक्षस्थल से उत्पन्न हुए और महादेव शिव के अत्यधिक प्रिय बिल्वपत्र को भगवान शिव को समर्पित करने का संदेश देता है। बिल्वपत्र भगवान शिव को अर्पित करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है, और विशेषकर शिव पूजा में इसे अर्पित करना शुभ होता है।
आज का पंचांग और ग्रह स्थिति – 25 अप्रैल 2025
🕉 श्री गणेशाय नमः, जय श्री कृष्ण 🙏🙏
🙏🙏 सभी सुखी और स्वस्थ रहें 🌱🌹
विक्रम संवत: 2082
संवत्सर नाम: सिद्धार्थी
संवत्सर राजा: सूर्य
संवत्सर मंत्री: सूर्य
🌕 सूर्य उत्तरायण, ऋतु: ग्रीष्म
सूर्य उदय: प्रातः 5:50
सूर्य अस्त: सायं 6:49
📺 वैशाख मास कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि
अंग्रेजी दिनांक: 25/4/2025
दिन: शुक्रवार
🌕 चंद्रमा: मीन राशि में
🥳 राशि स्वामी: गुरु
🌱 आज का नक्षत्र: पूर्व भाद्रपद (प्रातः 8:54 तक) फिर उत्तर भाद्रपद
💓 नक्षत्र स्वामी: गुरु/शनि
✨️ चंद्रमा का नक्षत्र प्रवेश:
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प्रात: 8:54 से उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 1 में
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दोपहर 2:17 से उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 2 में
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सायं 7:41 से उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 3 में
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रात्रि 1:04 से उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में
🔥 योग:
इंद्र योग: दोपहर 12:31 तक
यह योग आध्यात्मिक और बौद्धिक विकास का प्रतीक है, और यह उन लोगों के लिए अत्यधिक शुभ है जिनकी कुंडली में यह योग होता है। इस योग के प्रभाव से लोगों को अप्रत्याशित सफलता और सौभाग्य मिल सकता है।
उसके बाद वैधृति योग: इस योग में तनाव, अशांति और कामों में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है।
आज के मुख्य पर्व/भद्रा/पंचक/गंडमूल आदि:
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पंचक जारी है, प्रदोष व्रत
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शुभ दिशा: पूर्व, उत्तर, उत्तर-पूर्व
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दिशा शूल: पश्चिम दिशा की ओर यात्रा करने से बचें, अति आवश्यक होने पर जौ खाकर प्रस्थान करें
आज की ग्रह स्थिति:
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🌷 सूर्य: मेष राशि अश्विनी नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी केतु)
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🛑 मंगल: कर्क राशि पुष्य नक्षत्र चरण 2 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
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🌱 बुद्ध: मीन राशि उत्तर भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
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🌕 गुरु: वृष राशि मृगशिरा नक्षत्र चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी मंगल)
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💃 शुक्र: मीन राशि पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी गुरु), रात्रि 11:34 से उत्तर भाद्रपद चरण 1 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
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🌊 शनि: मीन राशि पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी गुरु)
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🎥 राहु: मीन राशि पूर्व भाद्रपद नक्षत्र चरण 4 में (नक्षत्र स्वामी शनि)
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🛐 केतु: कन्या राशि उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र चरण 2 में (नक्षत्र स्वामी सूर्य)
🤬 राहु काल: प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक कोई शुभ या नया कार्य न करें
दैनिक लग्न सारणी:
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प्रात: 5:15 तक मीन
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6:51 तक मेष
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8:47 तक वृष
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11:01 तक मिथुन
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दोपहर 1:21 तक कर्क
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सायं 3:38 तक सिंह
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5:55 तक कन्या
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रात्रि 8:14 तक तुला
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10:33 तक वृश्चिक
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12:36 तक धनु
आज के दिन का महत्व: आज के दिन इंद्र योग के प्रभाव से आध्यात्मिक विकास और बौद्धिक उत्तरण के अवसर बन सकते हैं, जो किसी भी कार्य के लिए शुभ है। लेकिन बाद में वैधृति योग के प्रभाव में आने से मानसिक तनाव और कार्यों में रुकावट आ सकती है, इसलिए पूरे दिन के कार्यों में सावधानी रखें। विशेष रूप से राहु काल में कोई शुभ कार्य न करें, क्योंकि यह समय शुभ कार्यों के लिए अनुकूल नहीं होता।