
पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में जंतर मंतर पर विशाल आक्रोश प्रदर्शन, जैन आचार्य लोकेश सहित धर्म गुरुओं ने की सख्त कार्रवाई की अपील
नई दिल्ली, 25 अप्रैल 2025:
कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के विरोध में जंतर मंतर पर एक विशाल आक्रोश प्रदर्शन आयोजित किया गया। यह प्रदर्शन विश्व हिंदू परिषद और विभिन्न धार्मिक संगठनों द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें अहिंसा विश्व भारती और विश्व शांति केंद्र के संस्थापक जैन आचार्य लोकेश, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आलोक कुमार, और कई अन्य धर्म गुरुओं ने भाग लिया। प्रदर्शन के दौरान सभी ने एकजुट होकर भारत सरकार से कश्मीर में हुए आतंकी हमले के खिलाफ जल्द और सख्त कार्रवाई की अपील की।
जैन आचार्य लोकेश की अपील:
जैन आचार्य लोकेश जी ने कहा, “आतंकवाद की समस्या ने पूरी दुनिया में अनिश्चितता, डर और भय का माहौल उत्पन्न कर दिया है। आज हर देश और हर धर्म को एक साथ आकर आतंकवाद के खिलाफ संगठित कदम उठाने होंगे।” उन्होंने सरकार से अपील की कि आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएं और इस समस्या का समाधान निकाला जाए।
डॉ आलोक कुमार का बयान:
विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आलोक कुमार ने कहा, “कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, और यहां सुरक्षा प्रदान करना हमारा दायित्व है। पहलगाम में हुआ हमला कोई साधारण घटना नहीं, बल्कि यह सुनियोजित और नृशंस हत्या है। यह हमला भारत की सम्प्रभुता और पूरी मानवता पर सीधा आघात है।” उन्होंने भारत सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की।
महंत नवल किशोर दास जी का विरोध:
दिल्ली संत महामंडल महामंत्री महंत नवल किशोर दास जी ने कहा, “निर्दोष हिंदुस्तानियों पर आतंकी हमले के खिलाफ जब तक उचित कार्यवाही नहीं हो जाती, तब तक भारत का संत समाज शांत नहीं बैठेगा। समस्त संत समाज आतंकवाद का उच्च स्वर में विरोध करता है।”
डॉ राहुल बौधी का बयान:
बौद्ध धर्म के डॉ राहुल बौधी ने कहा, “धर्म के मार्ग पर हिंसा और आतंकवाद का कोई स्थान नहीं। भारत में सभी धर्मों के अनुयायी शांति से अपने धर्म का पालन करते हैं। कश्मीर में हुआ आतंकी हमला भारत की एकता और अखंता पर गहरा प्रहार है।”
विरोध प्रदर्शन का असर:
विरोध प्रदर्शन में देशभर से आए संतों ने एक स्वर में कश्मीर में हुए आतंकी हमले की निंदा की। इस दौरान बड़ी संख्या में संतों, महंतों और आम जनमानस की आवाज में रोष और आंखों में नमी थी। शुरुआत में शहीद आत्माओं की शांति के लिए यज्ञ और प्रार्थना भी की गई।