
मुख्यमंत्री राहत कोष से इलाज के लिए
गुरुग्राम, 25 अप्रैल:
हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) से चिकित्सा सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया को और सरल और समयबद्ध बना दिया है। अब आमजन को इलाज के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए एक आसान पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा। उपायुक्त अजय कुमार ने इस बदलाव की जानकारी देते हुए बताया कि अब आवेदन करने से लेकर आर्थिक सहायता प्राप्त करने तक की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और त्वरित बना दिया गया है।
उन्होंने बताया कि आवेदक अब सरल पोर्टल के माध्यम से अपनी पीपीपी (परिवार पहचान पत्र) आईडी के जरिए आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें अपने चिकित्सा बिल, ओपीडी बिल, और अन्य संबंधित दस्तावेज़ों को अपलोड करने होंगे। इसके बाद, सहायता की राशि सीधे आवेदक के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। यदि कोई व्यक्ति दूसरे राज्य में इलाज करवा रहा है, तो वह संबंधित अस्पताल की बैंकिंग डिटेल्स भी साझा कर सकता है, ताकि राशि अस्पताल को सीधे भेजी जा सके।
मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता का विवरण:
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आर्थिक सहायता की राशि: इलाज खर्च का 25 प्रतिशत, अधिकतम एक लाख रुपये तक।
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आवेदन की प्रक्रिया: आवेदक को अपनी पीपीपी आईडी का उपयोग कर आवेदन करना होगा और सभी आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे।
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समय सीमा: आवेदन करने के 15 दिनों के भीतर आर्थिक सहायता की राशि लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
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साल में एक बार ही मिलेगा लाभ: आवेदक एक साल में केवल एक बार ही इस योजना का लाभ ले सकेंगे।
आवेदन और स्वीकृति प्रक्रिया:
डीसी ने बताया कि आवेदक द्वारा आवेदन किए जाने के बाद यह आवेदन संबंधित जनप्रतिनिधियों (सांसद, विधायक, मेयर आदि) को भेजा जाएगा, जो पांच दिन के भीतर अपनी सिफारिशें डीसी कार्यालय भेजेंगे। इसके बाद, तहसीलदार द्वारा संपत्ति की वेरिफिकेशन और सिविल सर्जन द्वारा मेडिकल दस्तावेज़ों का सत्यापन किया जाएगा। इस प्रक्रिया में चार दिन और पांच दिन का समय निर्धारित किया गया है। अंत में, सभी रिपोर्ट्स और संस्तुति के बाद स्वीकृत राशि लाभार्थी के बैंक खाते में भेज दी जाएगी।
योजना में बदलाव:
इस योजना में किए गए बदलावों के तहत यदि किसी बीमारी का इलाज आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के तहत कवर नहीं हो रहा है, तो उन लाभार्थियों को भी मुख्यमंत्री राहत कोष से वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके अलावा, जिला स्तर पर एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें एमपी, एमएलए, उपायुक्त, सिविल सर्जन, नगर परिषद और पंचायत समिति के अध्यक्ष आदि सदस्य होंगे। यह कमेटी आवेदन की स्वीकृति और राशि के वितरण की प्रक्रिया पर निगरानी रखेगी।
डीसी ने कहा कि इस प्रक्रिया को सरल और समयबद्ध बनाने के लिए कई सुधार किए गए हैं, ताकि आम जनता को जल्दी और सुगमता से आर्थिक सहायता मिल सके। अब चिकित्सा सहायता के लिए आवेदकों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, और उन्हें त्वरित तरीके से सहायता प्राप्त होगी।