
गुरुग्राम पुलिस को बड़ी सफलता
17 वर्षों से फरार चल रहा उद्धघोषित अपराधी रमेश
गुरुग्राम, 25 अप्रैल 2025
वर्ष 2007 में अपने ही साथी की बेरहमी से हत्या करने वाला और पिछले 17 वर्षों से फरार चल रहा उद्धघोषित अपराधी रमेश, आखिरकार गुरुग्राम पुलिस के हत्थे चढ़ गया है।
घटना का विवरण:
19 अगस्त 2007 को थाना बादशाहपुर, गुरुग्राम में एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 18 अगस्त की रात करीब 11 बजे रमेश (निवासी: गांव सुखा, थाना पथरिया, जिला दमोह, मध्य प्रदेश) ने उसके चाचा रामलाल (निवासी: मेंहदीपुर बालाजी, राजस्थान) की लाठी मारकर हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया। दोनों एक साथ राज मिस्त्री का काम करते थे।
हत्या की वजह:
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी और मृतक के बीच पैसों को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद गुस्से में आकर रमेश ने रामलाल के सिर और जबड़े पर लाठी से वार करके उसकी हत्या कर दी थी। हत्या के बाद रमेश लगातार फरार रहा और पुलिस से बचने के लिए मथुरा, आगरा और इंदौर जैसे शहरों में बार-बार ठिकाने बदलता रहा।
पुलिस की कार्रवाई:
ललित दलाल (ह.पु.से.), सहायक पुलिस आयुक्त, अपराध-2, गुरुग्राम के निर्देशन में उप-निरीक्षक दीपक कुमार, प्रभारी P.O. स्टाफ, मुख्यालय गुरुग्राम द्वारा एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने सटीक सूचना के आधार पर 24 अप्रैल 2025 को मध्य प्रदेश से आरोपी रमेश को गिरफ्तार कर लिया।
उद्धघोषित अपराधी घोषित:
लंबे समय तक गिरफ्तारी से बचते रहने पर न्यायालय ने रमेश को भगोड़ा और उद्घोषित अपराधी घोषित कर दिया था। गिरफ्तारी के बाद उसे थाना बादशाहपुर पुलिस टीम को सौंप दिया गया है।
आगे की प्रक्रिया:
आज 25 अप्रैल को आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा, जहां से उसे पुलिस हिरासत रिमांड पर लेने की तैयारी है। रिमांड के दौरान आरोपी से गहराई से पूछताछ की जाएगी और जो भी नए तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल मामला अनुसंधानाधीन है।
इस गिरफ्तारी को गुरुग्राम पुलिस की एक अहम सफलता माना जा रहा है, जिसने 17 वर्षों बाद न्याय की राह को एक बार फिर से सक्रिय किया है।