
हरियाणा के निजी अस्पतालों के लिए बनेंगे महिला सुरक्षा के नियम
अस्पतालों को महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश
गुरुग्राम, 28 अप्रैल 2025:
हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया ने आज गुड़गांव में वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण करने के दौरान हरियाणा के निजी अस्पतालों के लिए महिला सुरक्षा से संबंधित कड़े नियमों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अस्पतालों के लिए महिला सुरक्षा सुनिश्चित करना उनका दायित्व होगा, और इन नियमों को छोटे-बड़े सभी अस्पतालों पर लागू किया जाएगा।
मेदांता अस्पताल में यौन उत्पीड़न मामला:
इस दौरान रेनू भाटिया ने मीडिया से बातचीत में मेदांता अस्पताल में एक एयर होस्टेस के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले का जिक्र किया। इस मामले में महिला ने आरोप लगाया था कि जब वह वेंटिलेटर पर थी, तो अस्पताल के स्टाफ ने उसके साथ यौन उत्पीड़न किया। महिला आयोग ने इस मामले का संज्ञान लिया और अस्पताल प्रबंधन से जवाब मांगा। अस्पताल प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं होगी। इसके बावजूद, रेनू भाटिया ने कहा कि इस तरह के मामलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
महिला सुरक्षा के कड़े कदम:
रेणू भाटिया ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर अस्पतालों के लिए कड़े नियम बनाए जा रहे हैं, और इन नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि महिला आयोग सुरक्षा के मामले में सतर्क है और इसी तरह के मामलों को संज्ञान में लेकर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने बताया कि हाल ही में एक बच्चा चोरी मामले में भी महिला आयोग ने कड़ी कार्रवाई की थी, जिसके परिणामस्वरूप बच्चा चोरी गैंग को गिरफ्तार किया गया था।
वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण और फॉलो-अप:
गुड़गांव में वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण करते हुए रेनू भाटिया ने कहा कि यहां महिलाओं से मिलने के बाद उनका फॉलो-अप करना बहुत जरूरी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सुरक्षित हैं और उनके जीवन में कोई नया विवाद तो उत्पन्न नहीं हो गया है। उन्होंने बताया कि फॉलो-अप के दौरान पांच रैंडम नंबरों से कॉल की गई, जिनमें से तीन नंबरों पर महिलाएं उपलब्ध नहीं हो पाई, और यह संदेहास्पद पाया गया। इस पर संबंधित अधिकारियों से जांच रिपोर्ट मांगी गई है।
महिला अपराधों को रोकने के लिए सख्त कदम:
रेणू भाटिया ने महिला अपराधों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की बात की और कहा कि उन्होंने 9 मई को फरीदाबाद में सभी वन स्टॉप सेंटर के इंचार्ज, प्रोटेक्शन ऑफिसर्स और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक बुलाई है, जिसमें महिला सुरक्षा से जुड़े नए दिशा-निर्देशों पर चर्चा की जाएगी।
केसों का त्वरित निपटान:
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि महिला आयोग सभी मामलों का समयबद्ध तरीके से निपटान कर रहा है और उनका लक्ष्य यह है कि सभी मामलों का निपटान चार महीने के भीतर किया जाए। रेनू भाटिया ने कहा कि वे संबंधित अधिकारियों से मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि महिला अपराधों में कोई ढिलाई न हो, और जिन जांच अधिकारियों का रवैया ठीक नहीं होगा, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया का यह प्रयास यह सुनिश्चित करने के लिए है कि हरियाणा में महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित नियमों को कड़े से कड़ा किया जाए, और अस्पतालों तथा अन्य संस्थानों में महिलाओं के खिलाफ होने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा या उत्पीड़न के मामलों को सख्ती से रोका जाए। इसके साथ ही, महिला आयोग द्वारा किए गए फॉलो-अप से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महिलाएं अपनी शिकायतों के समाधान के बाद भी सुरक्षित रहें।