
देश की एकता और अखंडता में आस्था रखिए , स्वामी ज्योति गिरी जी महाराज
उज्जैन (मध्य प्रदेश), 29 अप्रैल 2025 — जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए भीषण आतंकी हमले में मारे गए 26 निर्दोष पर्यटकों की मौत के बाद पूरे देश में शोक और आक्रोश की लहर है। इस बीच, न्यू इंडिया न्यूज़ नेटवर्क की टीम उज्जैन स्थित महाकाल की नगरी पहुँची, जहां स्वामी ज्योति गिरी जी महाराज से विशेष बातचीत हुई। बातचीत में उन्होंने वक्फ बोर्ड, आतंकी हमला, केंद्र सरकार की भूमिका, सनातन धर्म की स्थिति, और पाकिस्तान की धमकियों जैसे तमाम ज्वलंत मुद्दों पर अपनी राय रखी।
महाराज जी के साथ पूछे गए प्रमुख सवाल और उनके विचार:
1. पहलगाम आतंकी हमले पर प्रतिक्रिया:
“यह हमला सिर्फ 26 पर्यटकों पर नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष की आत्मा पर हुआ है। यह क्रूरता बर्दाश्त नहीं की जा सकती। आतंकी सोच अब देश के अंदरूनी ताने-बाने को तोड़ने का प्रयास कर रही है।
2. क्या केंद्र सरकार की सुरक्षा व्यवस्था फेल हुई?
“इस समय दोषारोपण नहीं, एकजुटता की आवश्यकता है। चौकीदार की ज़िम्मेदारी है, लेकिन पूरा देश चौकसी में साथ खड़ा हो — यही सबसे बड़ी जवाबदेही है।”
3. सनातन धर्म और सनातन बोर्ड की प्रासंगिकता:
“सनातन केवल धर्म नहीं, संस्कृति है — जो भारत की आत्मा है। सनातन ही सर्वोपरि है, यही भारत की पहचान है।”
4. क्या सुरक्षा चूक थी?
“किसी भी आतंकी वारदात में कहीं न कहीं एक रणनीतिक चूक होती है। यह भी सबक है कि हमें और अधिक सजग, सतर्क और आक्रामक सुरक्षा नीति अपनानी होगी।”
5. देशवासियों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
“इस घड़ी में घबराएं नहीं, नफ़रत ना फैलाएं। शांत रहें, सरकार और सुरक्षाबलों पर भरोसा रखें। शहीदों के परिवारों को हम सबका साथ और सांत्वना चाहिए।”
6. लेफ्टिनेंट विनय नवल की शहादत पर:
“यह केवल एक शख्स की नहीं, हमारी सशस्त्र सेनाओं की गरिमा की शहादत है। यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।”
7. क्या कश्मीर को सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है?
“कश्मीर को राजनीतिक हथियार बना दिया गया है। यह दुखद है कि मजहब के आधार पर घाटी की शांति को बार-बार भंग किया जा रहा है।”
8. क्या पाकिस्तान भारत को बाँट पाएगा?
“भारत को तोड़ने की कल्पना भी पाकिस्तान के लिए विनाशकारी होगी। यह देश अखंड है और अखंड रहेगा।”
9. सिंधु जल समझौते पर राय:
“पाकिस्तान जब भारत के खिलाफ जहर उगलेगा तो उसे मीठा जल क्यों दिया जाए? भारत को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए।”
10. न्यूक्लियर बम की धमकी पर:
“यह डर दिखाने की राजनीति है। भारत अब 1962 वाला देश नहीं है — हमारे पास संयम भी है और शक्ति भी।”
11. भारत आतंकवाद को कब तक माफ करेगा?
“अब सहिष्णुता की सीमा समाप्त हो चुकी है। जो संत और निर्दोषों का हत्यारा है, उसे केवल माफ नहीं, समाप्त किया जाना चाहिए।”
12. क्या पाकिस्तान को पानी देना चाहिए?
“प्यासे को पानी दो, पर जो जहर उगले उसे जीवन रस नहीं। ये राजनीतिक नहीं, राष्ट्रीय स्वाभिमान का मुद्दा है।”
13. विपक्ष द्वारा हमले पर सरकार को घेरना?
“इस वक्त राजनीति नहीं, राष्ट्रीयता की ज़रूरत है। सवाल सही हैं लेकिन समय गलत।”
14. पाकिस्तान जाने की जिद कर रही लड़कियों पर राय:
“जब देश शोक में हो और कुछ लोग अपने मोहपाश में अंधे हो जाएं, तो उन्हें भी मार्गदर्शन की ज़रूरत है, न्याय की नहीं।”
15. राम मंदिर और विपक्ष की भूमिका:
“राम मंदिर से लेकर आज तक — एक तबका सिर्फ विरोध के लिए विरोध करता रहा है। लेकिन जनता समझदार है, अब भावनाओं का अपमान नहीं सहा जाएगा।”
महाराज का अंतिम संदेश:
“देश आज संवेदनशील दौर में है। राजनीतिक, धार्मिक या वैचारिक मतभेद से ऊपर उठकर, हमें एक भारत की भावना को जीवंत करना होगा। केंद्र सरकार पर भरोसा रखिए, देश की एकता और अखंडता में आस्था रखिए।
स्वामी ज्योति गिरी जी महाराज ने कहा
यदि पाकिस्तान ने किसी भारतीय सेना के जवान को बंदी बनाया है, तो यह अंतरराष्ट्रीय नियमों, विशेषकर जिनेवा संधियों का उल्लंघन है और राजनयिक माध्यमों से पाकिस्तान पर दबाव बनाना चाहिए — जैसे कि UN, OIC, और अन्य वैश्विक मंचों पर।
सैन्य व खुफिया स्तर पर कूटनीतिक चेतावनी देनी चाहिए — कि यदि जवान को सुरक्षित नहीं छोड़ा गया तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
अंतरराष्ट्रीय मीडिया और मानवाधिकार संगठनों को इस क़ैद की जानकारी दी जाए ताकि पाकिस्तान को वैश्विक मंच पर शर्मिंदा होना पड़े।
पड़ोसी देशों या मित्र राष्ट्रों की मध्यस्थता के माध्यम से भी जवान की वापसी सुनिश्चित की जा सकती है — जैसा कि पहले कई बार हुआ है (जैसे अभिनंदन वर्धमान के केस में)।
भारत सरकार आमतौर पर इस तरह की स्थितियों में बेहद सतर्कता और कूटनीतिक आक्रामकता से कदम उठाती है।