
अयोध्या, उत्तर प्रदेश, 29 अप्रैल 2025 – अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में एक और ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया है। राम मंदिर के शिखर पर अब 42 फीट ऊंचा “ध्वज दंड” (ध्वज स्तंभ) स्थापित कर दिया गया है, जिससे मंदिर को पूर्णता का प्रतीकात्मक स्वरूप प्राप्त हो गया है। यह ध्वज दंड अब दूर-दूर से नजर आने वाला एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बन गया है।
🛕 ध्वज दंड की विशेषताएं:
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ऊंचाई: 42 फीट
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धातु: विशुद्ध पंचधातु (सोना, चांदी, तांबा, जस्ता, सीसा) से निर्मित
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स्थापना स्थान: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य गर्भगृह के ऊपर
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ध्वज रंग: भगवा, जिसमें श्रीराम नाम अंकित है
🪔 ध्वज दंड का धार्मिक महत्व:
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ध्वज दंड हिंदू मंदिर वास्तुशास्त्र में शक्ति, श्रद्धा और सम्पूर्णता का प्रतीक माना जाता है।
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यह ध्वज भगवान राम की सनातन विजय का प्रतीक है, और यह दर्शाता है कि धर्म की स्थापना पूर्ण रूप से हो चुकी है।
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंदिर का ध्वज ईश्वर की उपस्थिति का संकेत देता है और श्रद्धालुओं को मंदिर की ओर आकर्षित करता है।
📜 मंदिर निर्माण की ऐतिहासिक यात्रा:
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5 अगस्त 2020: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन किया गया था।
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22 जनवरी 2024: श्रीराम लला का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हुआ।
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अब 29 अप्रैल 2025 को, ध्वज दंड की स्थापना के साथ मंदिर ने आध्यात्मिक पूर्णता प्राप्त की।
🙏 जन उत्साह और श्रद्धा:
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ध्वज स्थापना के दिन अयोध्या में विशेष पूजन, हवन और भजन-कीर्तन आयोजित किए गए।
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हजारों श्रद्धालुओं ने मंदिर पहुंचकर इस ऐतिहासिक क्षण को प्रत्यक्ष रूप से देखा।
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देशभर में मंदिर की इस पूर्णता को लेकर हर्ष और गौरव का वातावरण है।
📸 दृश्य और माहौल:
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अयोध्या की गलियां फूलों, दीपों और भगवा पताकाओं से सजी थीं।
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मंदिर के शिखर पर ध्वज फहराते ही “जय श्रीराम” के नारों से वातावरण गूंज उठा।