
लखनऊ, उत्तर प्रदेश, 29 अप्रैल 2025 – उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आज एक बार फिर यह दोहराया कि सरकार की सभी योजनाएं “सबका साथ, सबका विकास” की भावना से चलाई जा रही हैं और इनमें किसी भी प्रकार का धार्मिक, जातीय या वर्गीय भेदभाव नहीं किया गया है।
🏛️ सरकारी बयान की प्रमुख बातें:
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✅ समावेशी विकास पर ज़ोर:
सरकार ने दावा किया कि उसकी सभी जनकल्याणकारी योजनाएं — चाहे वह प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, राशन कार्ड वितरण, किसान सम्मान निधि, या मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना हो — सभी को योग्यता के आधार पर और बिना भेदभाव के लाभ दिया गया है। -
📊 सांख्यिकी के अनुसार पारदर्शिता:
अधिकारियों का कहना है कि योजनाओं के लाभार्थियों में अल्पसंख्यक समुदायों, अनुसूचित जातियों, पिछड़ों और सामान्य वर्ग के लोगों की संख्या आबादी के अनुपात में संतुलित रही है। -
🌾 किसानों, महिलाओं और युवाओं पर विशेष ध्यान:
– किसान सम्मान निधि से करोड़ों किसानों को सीधा लाभ।
– महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन, शौचालय निर्माण, और शिक्षा सहायता योजनाओं से लाभ मिला।
– स्टार्टअप, स्किल इंडिया मिशन जैसी योजनाओं से युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं।
🗣️ सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा:
“उत्तर प्रदेश में विकास अब जाति, धर्म या राजनीतिक विचारधारा के आधार पर नहीं, बल्कि जरूरत और पात्रता के आधार पर होता है। हमारी सरकार की प्राथमिकता है – हर गरीब तक सरकार की योजनाएं पहुंचाना, चाहे वो किसी भी वर्ग या धर्म का क्यों न हो।”
🤝 भविष्य की योजनाएं और विजन:
सरकार का कहना है कि आने वाले समय में:
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गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले सभी परिवारों को आवास उपलब्ध कराया जाएगा।
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हर गांव को डिजिटल कनेक्टिविटी, हर परिवार को जल आपूर्ति, और हर युवा को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
योगी सरकार का यह बयान उन आलोचनाओं के जवाब में भी देखा जा रहा है, जिसमें योजनाओं के वितरण में पक्षपात के आरोप लगाए जाते रहे हैं। लेकिन सरकार का रुख स्पष्ट है — विकास का लाभ हर व्यक्ति तक पहुंचे, भले वह किसी भी धर्म, जाति या क्षेत्र का हो।