
ATS की जांच में बड़ा खुलासा –
लखनऊ, 30 अप्रैल 2025 – उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) की जांच में एक संगठित घुसपैठ नेटवर्क का खुलासा हुआ है। ATS के सूत्रों के अनुसार, यूपी के विभिन्न जिलों में रोहिंग्याओं के लिए फर्जी दस्तावेज़ तैयार किए जाते थे, और उन्हें हिंदी बोलने की ट्रेनिंग दी जाती थी। इस प्रशिक्षण के बाद, उन्हें उनके बोलने के लहजे के आधार पर विभिन्न राज्यों में भेजा जाता था। इन राज्यों में दिल्ली, केरल, कर्नाटक, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं।
मुख्य बिंदु:
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फर्जी दस्तावेज़ तैयार करना:
यूपी के विभिन्न जिलों में रोहिंग्याओं के लिए आधार कार्ड, राशन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र जैसे दस्तावेज़ तैयार किए जाते थे, जो उनकी भारतीय नागरिकता को प्रमाणित करने के लिए उपयोग किए जाते थे। -
हिंदी भाषा की ट्रेनिंग:
इन घुसपैठियों को हिंदी बोलने की ट्रेनिंग दी जाती थी, ताकि वे भारतीय नागरिकों की तरह व्यवहार कर सकें और संदेह से बच सकें। -
राज्यवार तैनाती:
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, इन्हें विभिन्न राज्यों में भेजा जाता था, जहाँ वे स्थानीय समुदाय में घुल-मिल जाते थे और अपनी पहचान छुपाते थे।
ATS की कार्रवाई:
ATS की जांच में यह भी सामने आया है कि इस नेटवर्क के माध्यम से रोहिंग्याओं को रोजगार, सरकारी योजनाओं का लाभ और अन्य सुविधाएँ प्राप्त होती थीं। यह नेटवर्क न केवल अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रहा था, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा उत्पन्न कर रहा था।
ATS ने इस मामले में कई स्थानों पर छापेमारी की है और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इसके अलावा, संबंधित दस्तावेज़ों और डिजिटल साक्ष्यों को जब्त किया गया है, जो आगे की जांच में सहायक होंगे।
सरकारी प्रतिक्रिया:
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।