हाई-स्पीड हाइपरसोनिक मिसाइल (Mach 7.5 तक गति) रडार की पकड़ से बाहर

चीन लंबे समय से पाकिस्तान का रणनीतिक साझेदार रहा है, तुर्की भी पाकिस्तान को ड्रोन तकनीक और हथियार दे रहा है
अमेरिका चीन के खिलाफ सीधे सैन्य मोर्चा नहीं खोलना चाहता।
नई दिल्ली 30 अप्रैल2025।
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चीन और तुर्की का पाकिस्तान को समर्थन
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अमेरिका की तटस्थता
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भारत की मिसाइल ताकत जो पाकिस्तान को डराने में सक्षम हो
1. चीन और तुर्की का पाकिस्तान को समर्थन
चीन लंबे समय से पाकिस्तान का रणनीतिक साझेदार रहा है, खासकर सैन्य और तकनीकी मामलों में। अगर वह पाकिस्तान को आधुनिक मिसाइल सिस्टम (जैसे CM-400AKG एयर-टू-सर्फेस मिसाइल या HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम) उपलब्ध करा रहा है, तो यह भारत के लिए चिंता की बात है। तुर्की भी पाकिस्तान को ड्रोन तकनीक और हथियार दे रहा है, जैसे कि Bayraktar TB2।
2. अमेरिका की स्थिति
अमेरिका की विदेश नीति उसके हितों पर आधारित होती है
हालांकि डोनाल्ड ट्रम्प और नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत दोस्ती चर्चा में रही है, पर अमेरिका की विदेश नीति उसके हितों पर आधारित होती है, न कि व्यक्तिगत संबंधों पर। अमेरिका इस समय शायद एशिया में खुलकर पक्ष लेने से बच रहा है, खासकर अगर वह चीन के खिलाफ सीधे सैन्य मोर्चा नहीं खोलना चाहता।
3. भारत की ऐसी मिसाइलें जो पाकिस्तान को घबरा सकती हैं
भारत के पास कई ऐसी मिसाइल प्रणालियाँ हैं जो पाकिस्तान को घबराने पर मजबूर कर सकती हैं:
🔥 अग्नि-V
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इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM)
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रेंज: 5,000–8,000 किमी
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परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम
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पाकिस्तान के किसी भी हिस्से को टारगेट कर सकती है
🔥 ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल
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भारत-रूस द्वारा विकसित
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स्पीड: Mach 2.8–3.0 (आवाज की गति से लगभग तीन गुना तेज)
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सटीकता बहुत ज़्यादा
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ज़मीन, समुद्र और वायु से छोड़ी जा सकती है
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पाकिस्तान के रडार को चकमा देने में सक्षम
🔥 पृथ्वी मिसाइल सिस्टम
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कम दूरी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल
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युद्ध के पहले चरण में टैक्टिकल उपयोग के लिए
🔥 शौर्य मिसाइल
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हाई-स्पीड हाइपरसोनिक मिसाइल (Mach 7.5 तक गति)
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रडार की पकड़ से बाहर
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परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम
पाकिस्तान को भारत की मिसाइल क्षमता से विशेषकर ब्रह्मोस और अग्नि शृंखला से डर है, क्योंकि इनका उपयोग केवल परंपरागत युद्ध में नहीं बल्कि “कोल्ड स्टार्ट” जैसी रणनीति के तहत भी हो सकता है।
चीन और तुर्की का हस्तक्षेप क्षेत्रीय समीकरण को और जटिल बना सकता है, लेकिन भारत की सैन्य ताकत, रणनीतिक संयम और कूटनीतिक समझ उसे अभी भी मजबूत स्थिति में बनाए हुए है।
🇨🇳 चीन और तुर्की का पाकिस्तान को समर्थन
🇺🇸 अमेरिका की तटस्थता
अमेरिका, भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ कूटनीतिक संबंध रखता है। हालांकि, अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से किसी पक्ष का समर्थन नहीं किया है, जिससे उसकी तटस्थता का संकेत मिलता है। यह स्थिति क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकती है और दोनों देशों के लिए रणनीतिक निर्णयों में चुनौती उत्पन्न कर सकती है।
🇮🇳 भारत की मिसाइल शक्ति
भारत के पास कई उन्नत मिसाइल प्रणालियाँ हैं, जो उसे क्षेत्रीय सुरक्षा में एक मजबूत स्थिति प्रदान करती हैं:
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अग्नि-5: यह इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है, जिसकी रेंज लगभग 5,000 से 8,000 किलोमीटर तक है। यह पाकिस्तान के किसी भी हिस्से को निशाना बना सकती है।
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ब्रह्मोस: यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जिसे भारत और रूस ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। इसकी गति Mach 2.8–3.0 है और यह उच्च सटीकता के साथ लक्ष्य को भेद सकती है।
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पृथ्वी और शौर्य: ये कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जो त्वरित प्रतिक्रिया के लिए उपयुक्त हैं।
इन प्रणालियों के माध्यम से भारत ने पाकिस्तान को यह संदेश दिया है कि वह अपनी सुरक्षा के प्रति गंभीर है और किसी भी आक्रामकता का प्रभावी जवाब देने में सक्षम है।