
नई दिल्ली, 30 अप्रैल 2025 – दिल्ली के आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेताओं मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ एक और गंभीर भ्रष्टाचार मामला सामने आया है। दिल्ली सरकार के 193 सरकारी स्कूलों में 2,405 कक्षाओं के निर्माण में कथित तौर पर ₹1,300 करोड़ का घोटाला हुआ है। इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एफआईआर दर्ज करने की मंजूरी दी है।
क्या है मामला?
केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की फरवरी 2020 की रिपोर्ट में बताया गया था कि लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा दिल्ली सरकार के स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में अनियमितताएँ की गईं। रिपोर्ट में कहा गया कि निविदाएँ आमंत्रित किए बिना “अधिक विशिष्टताओं” के नाम पर निर्माण लागत में 90 प्रतिशत तक वृद्धि की गई। इसके अलावा, कई कार्य अधूरे छोड़ दिए गए और सरकारी नियमों का उल्लंघन किया गया।
क्या आरोप हैं?
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार ने शौचालयों की संख्या को बढ़ाकर कक्षाओं के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे अतिरिक्त व्यय हुआ। मूल रूप से प्रस्तावित और स्वीकृत कार्यों के लिए निविदाएँ जारी की गईं, लेकिन बाद में “अधिक विशिष्टताओं” के कारण अनुबंध मूल्य 17 प्रतिशत से 90 प्रतिशत तक भिन्न था। इन अनियमितताओं के कारण ₹1,315.57 करोड़ का वास्तविक व्यय हुआ, जबकि स्वीकृत राशि ₹989.26 करोड़ थी।
कानूनी कार्रवाई
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में आगे की जांच और कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।
पार्टी की प्रतिक्रिया
आम आदमी पार्टी ने इस एफआईआर को राजनीतिक साजिश करार दिया है। पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि विपक्षी दलों के दबाव में यह कार्रवाई की गई है और इसका उद्देश्य आगामी चुनावों में पार्टी की छवि को धूमिल करना है।