
लखनऊ 1 मई 2025। 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में गन्ना किसान असहनीय समस्याओं का सामना कर रहे थे। गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं होने की वजह से किसान दर-दर भटकने को मजबूर थे। गन्ना खेतों में पड़ा-पड़ा सड़ जाता था, क्योंकि मिलों की बंदी और कर्ज के बोझ तले किसान की उम्मीद टूट चुकी थी। आत्महत्या तक की घटनाएं आम हो गई थीं। यह स्थिति किसानों के लिए पूरी तरह से निराशाजनक थी।
लेकिन, 2017 के बाद डबल इंजन सरकार (उत्तर प्रदेश में भाजपा की राज्य सरकार और केंद्र में मोदी सरकार) के आने के बाद यह स्थिति पूरी तरह से बदल गई।
डबल इंजन सरकार का सकारात्मक असर:
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गन्ना मूल्य का त्वरित भुगतान:
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गन्ना मूल्य का भुगतान समय पर करने के लिए सरकार ने मजबूत कदम उठाए। किसान अब अपनी उपज का सही मूल्य समय पर पा रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
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मिलों का संचालन और विस्तार:
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उत्तर प्रदेश में मिलों का संचालन सही तरीके से शुरू हुआ और नई मिलों का निर्माण भी हुआ। इससे गन्ने की खरीददारी के अवसर बढ़े और किसानों को अपने उत्पाद बेचने में कोई दिक्कत नहीं रही।
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कृषि ऋण माफी और मदद:
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किसानों को कर्ज से उबारने के लिए सरकार ने कृषि ऋण माफी योजना लागू की, जिससे कई किसानों का कर्ज माफ किया गया और उन्हें राहत मिली।
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सिंचाई सुविधाएं और कृषि योजनाएं:
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कृषि में और सिंचाई के साधनों में सुधार के साथ-साथ सरकार ने कई योजनाएं चलाईं, जो किसानों को उन्नत तकनीकों से अवगत कराने में मददगार साबित हुईं।
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आत्मनिर्भरता और किसानों की मदद:
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किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की गई, जिससे उनकी जीवनशैली में बदलाव आया और वे आत्मनिर्भर बन सके।
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डबल इंजन सरकार के प्रयासों से उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों की स्थिति में न केवल सुधार हुआ है, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। आज, जहां पहले किसान आत्महत्या जैसे कदम उठाने पर मजबूर थे, वहीं अब वे अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस कर रहे हैं।