
आधुनिक तकनीक से लैस प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जाएंगी।
लखनऊ, 1 मई 2025,
प्रदेश में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। अब राज्य में खाद्य पदार्थों की जांच सुविधाएं न केवल बढ़ाई जाएंगी, बल्कि इस दिशा में आधुनिक तकनीक से लैस प्रयोगशालाएं भी स्थापित की जाएंगी। सरकार का यह कदम जहां आम जनता को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री सुनिश्चित करेगा, वहीं इससे प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खुलेंगे।
खाद्य सुरक्षा को लेकर बढ़ेगी सख्ती
सरकार ने संकेत दिया है कि अब बाजार में बिकने वाले दूध, तेल, मसाले, पैकेज्ड फूड्स और अन्य खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की नियमित जांच की जाएगी। इसके लिए ज़िला स्तर पर अत्याधुनिक खाद्य परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। इससे नकली या मिलावटी सामान बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।
युवाओं को मिलेगा सीधा लाभ
इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार बड़ी संख्या में फूड इंस्पेक्टर, लैब टेक्नीशियन, क्वालिटी एनालिस्ट, और सपोर्ट स्टाफ की भर्ती करेगी। विज्ञान और तकनीकी पृष्ठभूमि वाले युवाओं के लिए यह एक सुनहरा अवसर होगा। इसके साथ ही, सरकार संबंधित कोर्स या प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू करने पर विचार कर रही है ताकि स्थानीय स्तर पर ही प्रशिक्षित कर्मी उपलब्ध हो सकें।
सरकार का उद्देश्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “प्रदेश की जनता को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री देना हमारी प्राथमिकता है। खाद्य गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं होगा। साथ ही, यह पहल युवाओं को तकनीकी क्षेत्र में रोजगार से जोड़ने का माध्यम भी बनेगी।”
जनहित और स्वास्थ्य की दिशा में कदम
सरकार का यह फैसला न केवल रोजगार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मददगार साबित होगा। मिलावटखोरी पर लगाम लगेगी और लोगों को गुणवत्तापूर्ण खाद्य उत्पाद मिल सकेंगे।