
देश की रक्षा के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार को भी किसानों से संवाद करना होगा’
गुरुग्राम/सोहना, 7 मई।
हरियाणा के सोहना आईएमटी क्षेत्र में मंगलवार को आयोजित किसानों की महापंचायत में हजारों किसानों की मौजूदगी में देशभक्ति, जनआक्रोश और सरकार से वार्ता की मांग को लेकर तीखी आवाजें उठीं। हरियाणा प्रदेश के कद्दावर किसान नेता रवि आजाद की अगुवाई में आयोजित इस पंचायत में किसानों ने एकजुट होकर न सिर्फ अपनी समस्याओं को दोहराया बल्कि सरकार को चेतावनी भी दी कि यदि समाधान नहीं निकाला गया, तो वे आंदोलन को अगले स्तर तक ले जाने को मजबूर होंगे।
मुख्यमंत्री से मिलने की मांग
किसान नेता रवि आजाद ने महापंचायत को संबोधित करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से सीधा संवाद करने की मांग की। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री आज जिस कुर्सी पर बैठे हैं, वहां तक उन्हें पहुंचाने में किसानों ने अहम भूमिका निभाई है। भाजपा की सरकार किसानों के संघर्ष से बनी, लेकिन अब किसान खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वह स्वयं किसानों से मिलें और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनकर समाधान करें।
देशभक्ति की हुंकार: “भारत सरकार आदेश दे, किसान सीमाओं पर होंगे”
रवि आजाद ने कहा कि आज भारत और पाकिस्तान के बीच जिस तरह के हालात बन रहे हैं, उसमें देश का किसान सरकार के एक इशारे पर सीमा पर जाकर देश की रक्षा के लिए बलिदान देने को तैयार है। उन्होंने कहा, “मेवात ही नहीं, देश का हर किसान देश के साथ है। यदि जरूरत पड़ी तो हर किसान सीमा पर तैनात होने को तैयार है।”
पंचायत में मौजूद मुस्लिम किसानों ने भी एक स्वर में कहा कि पाकिस्तान यह भ्रम न पाले कि भारत के मुसलमान उसके साथ हैं। भारत का हर मुसलमान, हर नौजवान भारत माता की रक्षा के लिए जान देने को तैयार है।
शांति बनाए रखने का संकल्प, लेकिन चेतावनी भी
महापंचायत में यह फैसला भी लिया गया कि जब तक देश की सीमाओं पर हालात सामान्य नहीं होते, किसान कानून व्यवस्था बनाए रखने में सरकार का सहयोग करेगा। लेकिन यदि सरकार ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया, तो किसान आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार रहेंगे।
रवि आजाद ने किसानों से कहा, “सरकार किसानों को कमजोर न समझे। अगर हमें मजबूर किया गया, तो हम सरकार की भाषा में ही जवाब देना जानते हैं।”
प्रशासनिक अधिकारियों से असंतोष, एसडीएम पर भरोसा टूटा
महापंचायत में किसानों की मांग थी कि सरकार का कोई वरिष्ठ अधिकारी आकर स्पष्ट करे कि सरकार की मंशा क्या है। काफी देर बाद मेवात के एसडीएम मौके पर पहुंचे, लेकिन वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने केवल यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जिला उपायुक्त से बात करनी होगी।
किसानों ने नाराजगी जताई कि एसडीएम कई बार बिना ठोस आश्वासन के बैठक छोड़ चुके हैं और अब उन्हें उन पर कोई भरोसा नहीं रहा। किसानों ने ऐलान किया कि अगली महापंचायत में बड़े निर्णय लिए जाएंगे और आर-पार की रणनीति तय की जाएगी।
भारी पुलिस बल, लेकिन शांति से सम्पन्न हुई पंचायत
किसानों की इस महापंचायत को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के भारी इंतजाम किए थे। पुलिस बल, महिला पुलिसकर्मी, वॉटर कैनन और लाठीधारी पुलिस मौके पर तैनात रही। लेकिन महापंचायत में किसानों ने संयम और अनुशासन का परिचय दिया और शांति बनाए रखने का फैसला लिया।
इसका नतीजा यह हुआ कि प्रशासन की तैयारियां केवल सतर्कता तक सीमित रह गईं और कोई टकराव की स्थिति नहीं बनी।
एचएसआईडीसी अधिकारी मौके पर मौजूद
गुरुग्राम की एचएसआईडीसी (HSIIDC) की ओर से एडीजीएम अरुण गर्ग, डीजीएम दिलबाग सिंह दहिया सहित कई अधिकारी मौके पर मौजूद रहे और पंचायत की गतिविधियों पर नजर बनाए रखी।
किसानों का संदेश साफ – ‘संवाद हो, समाधान हो, वरना आंदोलन होगा’
महापंचायत ने स्पष्ट कर दिया कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और इसके लिए किसान हर समय तैयार हैं। लेकिन सरकार को किसानों की समस्याएं हल्के में नहीं लेनी चाहिए। मुख्यमंत्री से सीधी बातचीत की मांग के साथ किसानों ने साफ कर दिया कि अब उन्हें आश्वासन नहीं, कार्रवाई चाहिए।