
गुरुग्राम, 07 मई। आपातकालीन स्थितियों, विशेषकर एयर रेड जैसी गंभीर परिस्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा और तैयारियों को परखने के लिए बुधवार को गुरुग्राम जिले में बड़े पैमाने पर ‘ऑपरेशन अभ्यास’ के अंतर्गत सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह अभ्यास गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्देशित राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा अभियान का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य नागरिक सुरक्षा तंत्र और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली की कार्यक्षमता का परीक्षण और सुदृढ़ीकरण करना था।
मॉक ड्रिल की शुरुआत शाम 4 बजे सायरन बजाकर की गई, जिससे जिले के विभिन्न चिह्नित क्षेत्रों में लोग सतर्क और सजग हो गए। इस दौरान एंबियंस मॉल, सेक्टर 4/7 स्थित राजकीय विद्यालय, सेक्टर 15 स्थित सालवान स्कूल, हीरो मोटोकॉर्प, और गढ़ी बाजिदपुर जैसे स्थानों पर व्यापक अभ्यास किया गया।
इस मॉक ड्रिल के दौरान जहां-जहां लोग आपात स्थिति में ऊपरी मंजिलों पर फंसे पाए गए, उन्हें सिविल डिफेंस, रेडक्रॉस, फायर ब्रिगेड और आपदा मित्रों द्वारा सुरक्षित स्थानों पर लाया गया और आवश्यकता अनुसार अस्पताल पहुंचाया गया।
डीसी ने कंट्रोल रूम से की मॉनिटरिंग
जिला उपायुक्त एवं सिविल डिफेंस कंट्रोलर अजय कुमार ने लघु सचिवालय स्थित कंट्रोल रूम से पूरे अभ्यास की निगरानी की। उन्होंने बताया कि यह मॉक ड्रिल विभिन्न विभागों और स्वयंसेवी संगठनों की तालमेल क्षमता और तत्काल प्रतिक्रिया की परख के लिए आयोजित की गई थी।
उन्होंने बताया कि अभ्यास के दौरान आमजन को बताया गया कि एयर रेड जैसी स्थिति में उन्हें किसी सुरक्षित आंतरिक कमरे या तहखाने में जाना चाहिए, बिजली की सप्लाई बंद करनी चाहिए और 1–2 मिनट के भीतर सुरक्षित स्थान पर एकत्रित होना चाहिए।
ब्लैकआउट अभ्यास भी रहा शामिल
अभ्यास के अंतर्गत शाम 7:50 से 8:00 बजे तक ब्लैकआउट की अपील की गई, जिसमें जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए नागरिकों ने सहयोग प्रदान किया। इस दौरान पूरे जिले में लाइट बंद रखकर एयर स्ट्राइक जैसी स्थिति का वास्तविक अभ्यास किया गया।
प्रमुख अधिकारियों की भूमिका
अभ्यास का नेतृत्व डीसी अजय कुमार व सीपी विकास अरोड़ा ने किया। इसके अलावा डीसीपी मुख्यालय अरिप्त जैन, डीसीपी ट्रैफिक राजेश मोहन, डीसीपी ईस्ट गौरव राजपुरोहित, एसडीएम सोहना संजीव सिंगला, एसडीएम बादशाहपुर अंकित चौकसे, एसडीएम गुरुग्राम परमजीत चहल, और सीटीएम रविंद्र कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन एनसी शर्मा, वार्डन मोहित शर्मा, तथा अन्य स्वयंसेवकों ने भी अभ्यास को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।
आईआरएस प्रणाली को किया लागू
डीसी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (IRS) को औपचारिक रूप से जिला व राज्य स्तर पर लागू कर दिया गया है, जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या स्थानीय प्रशासन को दें, जिससे किसी भी संभावित खतरे से पहले ही निपटा जा सके।