
संभावना है – और इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं:
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सैन्य दबाव में पाकिस्तान:
नई दिल्ली 8 मई 2025। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान के रडार सिस्टम और आतंकी ठिकानों को बड़ी क्षति पहुँचाई है। मसूद अजहर का कुनबा उजड़ चुका है, रऊफ घायल है, और एयर डिफेंस सिस्टम ध्वस्त हो चुका है। ऐसे में पाकिस्तान सामरिक रूप से कमजोर स्थिति में है। -
अंतरराष्ट्रीय दबाव और कूटनीतिक दबाव से बचाव:
शांति वार्ता की पेशकश करके पाकिस्तान खुद को अंतरराष्ट्रीय मंच पर “शांति चाहने वाला देश” दिखाने की कोशिश कर सकता है, ताकि वह भारत पर “आक्रामकता” का आरोप लगा सके। -
समय खरीदना:
इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान ने कई बार “सीजफायर” या “शांति वार्ता” की बात कहकर अपने आतंकी ढांचे को दोबारा खड़ा किया है। पहलगाम हमला इसका हालिया उदाहरण है – जहां शांति की बातें चल रही थीं, वहीं पीछे से आतंकवादी हमला कर दिया गया।
❗ सबसे बड़ा सवाल: पाकिस्तान शांति वार्ता की बात क्यों कर रहा है?
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कूटनीतिक छवि सुधारने के लिए
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अंदरूनी अस्थिरता को दबाने के लिए
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अंतरराष्ट्रीय आलोचना से बचने के लिए
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सेना को पुनर्गठित करने के लिए समय खरीदने के लिए
भारत को सावधानीपूर्वक और रणनीतिक रूप से सोचकर निर्णय लेना होगा। पाकिस्तान की बातों को केवल शांति की पहल मानकर हमले रोक देना, एक बार फिर उसी चक्रव्यूह में फँसने जैसा हो सकता है जैसा पहले भी कई बार हुआ है। भरोसे से ज़्यादा “जमीनी हकीकत” और “पिछले अनुभव” भारत के लिए मार्गदर्शक होने चाहिए।