
ग़ज़वा-ए-हिंद का सपना देखने वाले लोग क़यामत तक इंतजार करेंगे
लखनऊ उत्तर प्रदेश 8 मई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में ग़ज़वा-ए-हिंद के संदर्भ में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि यह सपना क़यामत के दिन तक भी साकार नहीं होगा। यह बयान उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) और एआईएमआईएम के नेताओं के ग़ज़वा-ए-हिंद के समर्थन को लेकर दिया। योगी ने कहा कि भारत का संविधान सर्वोपरि है और देश की व्यवस्था शरीयत के अनुसार नहीं, बल्कि संविधान के अनुसार चलेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार किसी भी प्रकार के तुष्टिकरण की राजनीति नहीं करती। योगी ने कहा कि ग़ज़वा-ए-हिंद का सपना देखने वाले लोग क़यामत तक इंतजार करेंगे, तब भी उनका सपना पूरा नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य सबका साथ, सबका विकास है, और यह नया भारत है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है।
ग़ज़वा-ए-हिंद एक इस्लामिक अवधारणा है, जिसमें भारत में इस्लामिक शासन की स्थापना की बात की जाती है। कुछ आतंकवादी संगठन इस अवधारणा का उपयोग भारत में हमलों को प्रेरित करने के लिए करते हैं। हालांकि, इस अवधारणा की व्याख्या और स्वीकार्यता पर इस्लामिक विद्वानों में मतभेद हैं।
योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में बहस तेज हो गई है। भा.ज.पा. ने इसे सही ठहराया है, जबकि विपक्षी दलों ने इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश बताया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भा.ज.पा. जानबूझकर चुनावों को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रही है।