
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी
दिल्ली, 9 मई 2025 – भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के मद्देनज़र, भारतीय सेना और वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी साझा की। इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान-नियंत्रित कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ढांचों को नष्ट करना था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की मौत के बाद शुरू किया गया।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की मीडिया ब्रीफिंग
भारतीय सेना की सिग्नल कोर की कर्नल सोफिया कुरैशी और भारतीय वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने दिल्ली में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस दौरान, कर्नल सोफिया ने बताया कि पाकिस्तान ने 36 स्थानों पर 300 से 400 ड्रोन के माध्यम से भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की, जिसे भारतीय सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया और बठिंडा और अन्य स्थानों पर हवाई हमले करने की कोशिश की।
पाकिस्तान से तुर्की के ड्रोन की आपूर्ति की संभावना
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि पाकिस्तान तुर्की से ड्रोन की आपूर्ति प्राप्त कर सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, पाकिस्तान की बढ़ती तुर्की के साथ साझेदारी और तुर्की के Bayraktar TB2 ड्रोन की क्षमता को देखते हुए, यह संभावना जताई जा रही है कि पाकिस्तान इन ड्रोन का उपयोग अपने सैन्य अभियानों में कर सकता है ।
भारत की प्रतिक्रिया और संयम
भारतीय अधिकारियों ने पाकिस्तान की इन घुसपैठों और उल्लंघनों का मुकाबला करते हुए संयम बनाए रखने की बात की है। उन्होंने कहा कि भारत की सेना ने अपनी प्रतिक्रिया में संयम दिखाया है और किसी भी प्रकार की बढ़ी हुई उत्तेजना से बचने की कोशिश की है।
सैन्य संघर्ष और नागरिक हताहत
हालिया संघर्षों में, दोनों देशों के बीच भारी गोलीबारी और हवाई हमलों की घटनाएं सामने आई हैं। भारत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया है कि उसने जम्मू, उधमपुर और पठानकोट जैसे सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया। पाकिस्तान ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि भारत ने पहले हमला किया और नागरिकों की हताहतों के लिए जिम्मेदार है ।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव और ड्रोन युद्ध की घटनाएं दोनों देशों के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दोनों पक्षों के बीच संवाद और कूटनीतिक प्रयासों को बढ़ावा नहीं दिया गया, तो यह स्थिति और भी विकट हो सकती है।