
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता व्यक्त की
नई दिल्ली 12 मई। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, अमेरिका ने हस्तक्षेप करते हुए संघर्षविराम स्थापित कराया। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जे.डी. वांस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो की अगुवाई में अमेरिकी नेतृत्व ने इस संघर्षविराम को संभव बनाया। हालांकि, संघर्षविराम के बाद भी दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे पर उल्लंघन के आरोप लगाए गए, लेकिन सुबह तक सीमा पर शांति स्थापित हो गई ।
🇮🇳 इंदिरा गांधी की याद
इस संघर्ष के दौरान, इंदिरा गांधी की याद विशेष रूप से उनके मजबूत नेतृत्व और पाकिस्तान के खिलाफ कड़े रुख को लेकर ताजा हो गई। कांग्रेस पार्टी ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका बलिदान देश के लिए प्रेरणा स्रोत है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “इंदिरा गांधी ने भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।” राहुल गांधी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “आपका बलिदान हमें हमेशा प्रेरित करेगा।” प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी उनकी निष्ठा और बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की ।
🔥 संघर्ष की पृष्ठभूमि
यह संघर्ष 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें 26 भारतीय नागरिकों की मौत हुई। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान-समर्थित आतंकवादियों को जिम्मेदार ठहराया, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों का खंडन किया। भारत ने इस घटना के बाद पाकिस्तान से अपने राजनयिकों को वापस बुलाया, वीजा सेवाएं निलंबित कीं और सिंधु जल समझौते को निलंबित किया ।
7 मई 2025 को, भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। भारत का दावा था कि इन हमलों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी समूहों के ठिकानों को निशाना बनाया गया। पाकिस्तान ने इन हमलों का विरोध किया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी ।
🌍 वैश्विक प्रतिक्रिया
संघर्ष के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र ने संघर्षविराम का स्वागत किया और दोनों देशों से शांति की अपील की। अमेरिका ने दोनों देशों के साथ व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने की पेशकश की, लेकिन क्षेत्रीय स्थिरता के लिए दीर्घकालिक समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया ।