
📍 गुरुग्राम, 12 मई 2025
श्री माता शीतला देवी श्राइन बोर्ड के प्रशासक एवं गुरुग्राम के उपायुक्त अजय कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को मंदिर परिसर में बन रहे बहुमंजिला भवन के निर्माण कार्य की प्रगति की समीक्षा हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक लघु सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में हुई, जिसमें श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), एसडीएम बादशाहपुर अंकित चोकसे, नगर निगम अधिकारी, मंदिर प्रबंधन समिति तथा निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
🔸 मंदिर निर्माण सरकार की प्राथमिकता: डीसी
बैठक के दौरान डीसी अजय कुमार ने स्पष्ट किया कि शीतला माता मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य हरियाणा राज्य सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। श्रद्धालुओं की आस्था, सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि निर्माण समयसीमा के भीतर और पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूरा हो।
उन्होंने यह भी कहा कि यह परियोजना न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
🏗️ परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
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कुल भूमि क्षेत्र: लगभग 4.8 एकड़
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निर्माण की अनुमानित पूर्णता: सितंबर 2026
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निर्माणाधीन बहुमंजिला भवन में प्रस्तावित सुविधाएं:
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योग मंडप और ध्यान हॉल
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तीर्थ कुंड (पवित्र जलाशय)
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ओपन एयर थिएटर
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बच्चों के लिए पार्क
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प्रसाद वितरण केंद्र
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रेस्ट एरिया व कैफेटेरिया
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फुट ओवर ब्रिज (FOB)
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STP (सॉलिड ट्रीटमेंट प्लांट) और ETP (एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट)
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🔧 तकनीकी समीक्षा के बिंदु:
डीसी अजय कुमार ने बैठक में निर्माण से जुड़े अनेक तकनीकी पहलुओं की विस्तृत समीक्षा की, जिनमें शामिल हैं:
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शिखर डिजाइनों की तकनीकी जांच
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निर्माण की ड्रॉइंग्स और अनुमोदन प्रक्रिया
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HVAC (हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग) कार्यों की निविदा
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स्टोन क्लैडिंग का चयन और गुणवत्ता मानक
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मेला ग्राउंड की पार्किंग का पुनर्विकास
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फुट ओवर ब्रिज का लागत अनुमान
✅ दिशा-निर्देश और आगामी कार्रवाई:
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समस्त संबंधित विभागों को नियमित समन्वय बनाए रखने, कार्यों की सतत निगरानी करने और गुणवत्ता से कोई समझौता न करने के निर्देश दिए गए।
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निर्माण एजेंसी को साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश।
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निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की देरी पर जवाबदेही तय की जाएगी।
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सभी सुविधाओं को दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के अनुकूल बनाने पर भी बल दिया गया।
🙏 श्रद्धालुओं को मिलेगा समग्र अनुभव:
डीसी अजय कुमार ने कहा कि निर्माणाधीन नया मंदिर परिसर केवल पूजा का स्थल नहीं, बल्कि यह एक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पारिवारिक अनुभव केंद्र होगा। उन्होंने यह भी कहा:
“श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए सभी कार्य तेजी से पूरे किए जाएं, ताकि निर्धारित समय में यह भव्य मंदिर श्रद्धालुओं को समर्पित किया जा सके।”