
हरियाणा पत्रकार संघ के अध्यक्ष के.बी. पण्डित के संयोजन में यह मुलाकात हुई।
चंडीगढ़, 14 मई 2025: हिंदी पत्रकारिता के मसीहा, सुप्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और हिंदी गद्य के जनक स्व. बाबू बालमुकुंद गुप्त के योगदान को सलाम करने के लिए बाबू बालमुकुंद गुप्त पत्रकारिता और साहित्य संरक्षण परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल हरियाणा राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व हरियाणा साहित्य और संस्कृति अकादमी के उर्दू प्रकोष्ठ के निदेशक डॉ. चन्द्र त्रिखा ने किया, और हरियाणा पत्रकार संघ के अध्यक्ष के.बी. पण्डित के संयोजन में यह मुलाकात हुई।
मुलाकात के मुख्य बिंदु:
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गुप्त की कृतित्व और योगदान: प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को गुप्त की ग्रंथावली और उनके साहित्य की कुछ महत्वपूर्ण कृतियां भेंट की, और उन्हें आगामी सितंबर में रेवाड़ी में आयोजित साहित्यिक समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का निवेदन किया।
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गुप्त की जन्मस्थली और पैतृक हवेली: परिषद के संरक्षक अधिवक्ता नरेश चौहान ने गुप्त की जन्मस्थली गुडियानी (रेवाड़ी) की पैतृक हवेली और परिषद की गतिविधियों के बारे में राज्यपाल को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि परिषद ने गुप्त की पैतृक हवेली को पहले ही सरकार को दान में दे दिया है।
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साहित्यिक योगदान पर शोध: प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से रेवाड़ी में संग्रहालय के लिए भूमि आबंटित करने और ई-लाईब्रेरी खोलने की मांग की, ताकि गुप्त जी के साहित्य और योगदान को आगे बढ़ाया जा सके। इसके अलावा, उन्होंने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में गुप्त जी के लेखन और साहित्य पर शोध पीठ (चेयर) स्थापित करने की मांग की।
राज्यपाल का बयान:
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने गुप्त के साहित्य में गहरी रुचि दिखाई और कहा कि समाज और राष्ट्र निर्माण में साहित्यकारों और पत्रकारों का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने परिषद की पहल को सराहा और इसके महत्व को समझते हुए हर संभव सहयोग देने का वादा किया।
इस दौरान, डॉ. प्रवीन खुराना (जिन्होंने बाबू बालमुकुंद गुप्त पर पी.एच.डी. की है), ऋषि सिंहल (परिषद के अध्यक्ष), और कई अन्य साहित्यकार भी उपस्थित थे।