
शक्ति व शांति के संतुलन से राष्ट्र निर्माण
मुख्यमंत्रियों व आचार्य लोकेशजी का होगा संबोधन, सैनिकों-संतों के समन्वय से संतुलित समाज पर होगी चर्चा
गुरुग्राम/नई दिल्ली, 14 मई 2025:
विश्व शांति केंद्र एवं अहिंसा विश्व भारती द्वारा 15 मई 2025 को गुरुग्राम में भव्य राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस संगोष्ठी का विषय है — “शक्ति व शांति के संतुलन से राष्ट्र निर्माण”। संगोष्ठी में देश की दो प्रमुख राज्यों के मुख्यमंत्री – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी एवं दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता मुख्य अतिथि और वक्ता के रूप में उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का मार्गदर्शन जैन आचार्य लोकेशजी, संस्थापक — अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र, द्वारा किया जाएगा।
संगोष्ठी का उद्देश्य:
इस संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य है समाज में सैनिकों की शक्ति और संतों की शांति के समन्वय द्वारा एक संतुलित एवं समरस समाज की स्थापना करना।
आचार्य लोकेशजी के अनुसार:
“सैनिक राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा करते हैं और संत समाज की आत्मा की रक्षा करते हैं। जब शक्ति और शांति का संतुलन बनता है, तभी सशक्त और शांतिपूर्ण राष्ट्र की नींव रखी जाती है।”
🔹 संगोष्ठी में होंगे ये प्रमुख बिंदु:
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राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका राष्ट्र निर्माण में – विशेषकर नीति निर्धारण में आध्यात्मिक मूल्यों की सहभागिता।
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रक्षा बलों और संतों का योगदान — देश की सुरक्षा व नैतिक उत्थान में उनकी भूमिका।
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समाज सेवियों, युवाओं और आम नागरिकों की भागीदारी से राष्ट्रीय एकता का संकल्प।
🔹 कौन होंगे प्रतिभागी?
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सेना के अधिकारी व जवान
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आध्यात्मिक संत व धार्मिक संगठन
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नीति निर्धारक, शिक्षाविद, समाजसेवी
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बड़ी संख्या में आम नागरिक, युवा और विद्यार्थी
🔹 विश्व शांति केंद्र की पहल:
केंद्र के प्रवक्ता ने बताया कि यह संगोष्ठी न केवल आध्यात्मिक और सामाजिक समरसता की दिशा में एक प्रेरणादायी पहल है, बल्कि शांति, संवाद और शक्ति के संतुलन को स्थापित करने का भी प्रयास है। इससे आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्र निर्माण में संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा मिलेगी।
एक साझा मंच पर आकर जो संदेश देंगे
राज्य और राष्ट्र के नीति-निर्माता, सैनिक व संत एक साझा मंच पर आकर जो संदेश देंगे, वह न केवल देश के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी शांति और सहअस्तित्व के लिए एक मिसाल बनेगा।