
प्रस्तावित बिल में 5% ट्रांसफर टैक्स का प्रावधान
चंडीगढ़, 17 मई। अमेरिका में बसे लाखों अनिवासी भारतीयों (NRI) को जल्द ही भारत में अपने परिवार को पैसे भेजना भारी पड़ सकता है। अमेरिकी संसद में हाल ही में पेश किए गए “The One Big Beautiful Bill” नामक वित्तीय विधेयक में अमेरिका से विदेशों में मनी ट्रांसफर पर 5 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा गया है। यह प्रावधान 389 पन्नों के बिल के 327वें पेज पर दर्ज है और इसे हाउस वेज एंड मीन्स कमेटी ने प्रस्तुत किया है।
लाखों भारतीयों पर पड़ेगा असर
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अमेरिका में फिलहाल लगभग 45 लाख भारतीय रह रहे हैं।
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इनमें से करीब 32 लाख भारतीय मूल के नागरिक हैं, जो अपने परिजनों को भारत में नियमित रूप से धन भेजते हैं।
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भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में अमेरिका से भारत भेजी गई कुल राशि 32 अरब डॉलर थी।
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नया टैक्स लागू होने पर हर 100 डॉलर पर 5 डॉलर अतिरिक्त कटेगा — जो वार्षिक रूप से भेजी जाने वाली कुल रकम पर भारी असर डालेगा।
कैसे और कहां लगेगा टैक्स?
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यह टैक्स अमेरिका में ट्रांजैक्शन के समय ही सीधे ट्रांसफर राशि से काट लिया जाएगा।
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बिल में न्यूनतम या अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं तय की गई है — यानी चाहे आप 10 डॉलर भेजें या 10,000, हर राशि पर 5% टैक्स देना होगा।
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यह नियम सिर्फ भारतीयों पर नहीं, बल्कि अमेरिका से किसी भी देश में पैसा भेजने वाले सभी विदेशी नागरिकों पर लागू होगा।
क्या है “The One Big Beautiful Bill”?
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यह विधेयक अमेरिकी संसद में पेश एक वृहद वित्तीय सुधार बिल है, जिसका उद्देश्य देश की कर प्रणाली को दुरुस्त करना और घरेलू आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
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इस बिल में मनी ट्रांसफर टैक्स समेत कई नए आर्थिक उपाय प्रस्तावित किए गए हैं।
प्रवासी समुदाय में नाराजगी
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एनआरआई समुदाय ने इस प्रावधान को अन्यायपूर्ण और आर्थिक रूप से बोझिल बताया है।
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कई सामाजिक और प्रवासी संगठनों ने इसके खिलाफ विरोध और लॉबिंग की तैयारी शुरू कर दी है।
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वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, यह प्रस्ताव उन देशों की अर्थव्यवस्थाओं पर नकारात्मक असर डालेगा जो विदेशी धन पर निर्भर हैं, जैसे भारत, फिलीपींस और मेक्सिको।
क्या होगा आगे?
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फिलहाल यह विधेयक सिर्फ प्रस्तावित है।
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इसे कानून बनने के लिए अमेरिकी संसद के दोनों सदनों – हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट – की मंजूरी जरूरी होगी।
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यदि पास हो गया, तो यह नियम भारत-अमेरिका के आर्थिक संबंधों और प्रवासी भारतीयों की घरेलू मदद पर बड़ा असर डाल सकता है।
यदि यह कानून लागू होता है, तो अमेरिका में बसे भारतीयों के लिए पैसे भेजना न केवल महंगा, बल्कि एक नए वित्तीय दबाव का कारण बन जाएगा। साथ ही, यह फैसला भारत जैसे विकासशील देशों की विदेशी धन पर निर्भर अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर सकता है।