
जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पर्यटन उद्योग को भारी नुकसान हुआ है, जिससे पर्यटकों में असुरक्षा की भावना बढ़ी है। इस स्थिति को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ‘आओ-आओ कश्मीर आओ’ अभियान की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य घाटी में पर्यटकों का विश्वास बहाल करना और पर्यटन को पुनर्जीवित करना है।
🚐 रोड शो से विश्वास बहाली की पहल
19 मई को श्रीनगर से पहलगाम तक आयोजित एक रोड शो ने इस अभियान की शुरुआत की। इसमें शिकारावालों, होटल मालिकों, ट्रांसपोर्टरों, टूर गाइड्स और ट्रैवल एजेंट्स ने भाग लिया। काफिले के पीछे एक संदेश लिखा था: ‘कश्मीर के भविष्य में निवेश करें, पर्यटन और शांति साथ-साथ चलते हैं’। हालांकि, सुरक्षा कारणों से काफिला अनंतनाग में ही रुक गया, लेकिन यह पहल घाटी में पर्यटन को पुनर्जीवित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
🛡️ सुरक्षा और श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर ध्यान
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले के बाद पर्यटन उद्योग को हुए नुकसान को स्वीकार किया है। उन्होंने आगामी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कहा कि सरकार इस यात्रा को सुरक्षित और बिना किसी घटना के संपन्न कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
🧳 पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान
ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TAAI) ने ‘लेट्स विजिट J&K’ अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य पर्यटकों को घाटी में वापस लाना है। इसमें एयरलाइनों और होटलों के साथ विशेष पैकेजों की पेशकश की जा रही है, ताकि पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित किया जा सके।
📊 पर्यटन क्षेत्र में सरकार की योजनाएँ
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 2024 में जम्मू-कश्मीर में 2.36 करोड़ पर्यटकों के आगमन की जानकारी दी है। उन्होंने पर्यटन को राज्य की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए धार्मिक, साहसिक, सांस्कृतिक और सीमावर्ती पर्यटन को बढ़ावा देने की योजनाओं की घोषणा की है। इसके तहत गिरेज़, केरन, माछैल, भद्रवाह, सुखराला माता और पंचेरी जैसे कम ज्ञात स्थलों को भी पर्यटन मानचित्र पर लाने की कोशिश की जा रही है।
हालांकि पहलगाम हमले के बाद पर्यटकों में असुरक्षा की भावना बनी हुई है, लेकिन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की पहल और विभिन्न पर्यटन अभियानों से यह उम्मीद जताई जा रही है कि घाटी में पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित किया जा सकेगा। सुरक्षा उपायों और विश्वास बहाली के प्रयासों से पर्यटकों का पुनः आगमन संभव हो सकता है।