
लखनऊ उत्तर 19 मई। उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में उल्लेखनीय कमी आई है।
महिला अपराधों में कमी
2016 की तुलना में 2023-24 तक दहेज हत्या के मामलों में 17.5% और बलात्कार के मामलों में 25.3% की कमी दर्ज की गई है। इसके अलावा, 2017 से 2024 तक 24,402 मामलों में सजा दिलाई गई, जिनमें से 9,875 मामले POCSO एक्ट से संबंधित थे। राज्य ने महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों के मामलों में 98% से अधिक मामलों का समाधान किया है, जिससे उत्तर प्रदेश महिला सुरक्षा के मामले में देश में अग्रणी राज्य बन गया है।
मिशन शक्ति और महिला पुलिस बल
मिशन शक्ति अभियान के तहत, राज्य में महिला पुलिस बल की संख्या में वृद्धि की गई है। पिछले पांच वर्षों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या दोगुनी होकर 20,000 से अधिक हो गई है। हर जिले में महिला पुलिस स्टेशन स्थापित किए गए हैं, और 1,585 पुलिस स्टेशनों में महिला हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, 346 महिला गश्ती वाहन रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक महिलाओं को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद करते हैं।
विशेष अभियान और योजनाएं
राज्य ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए कई विशेष अभियानों की शुरुआत की है, जिनमें ऑपरेशन शक्ति, ऑपरेशन गारुड़ा, ऑपरेशन शील्ड, ऑपरेशन डेस्टॉय और ऑपरेशन बचपन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, 181 महिला हेल्पलाइन और 1090 महिला हेल्पलाइन के माध्यम से महिलाओं को सहायता प्रदान की जा रही है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक सहायता और सम्मान प्रदान किया जा रहा है। अब तक 4 लाख से अधिक गरीब कन्याओं की शादी इस योजना के तहत कराई गई है। इसके अलावा, 2 लाख से अधिक महिलाएं पीएम स्वनिधि योजना से लाभान्वित हुई हैं, और 95 लाख से अधिक महिलाओं को राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जोड़ा गया है।
इन प्रयासों से उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है, और राज्य अब महिला सुरक्षा के मामले में एक मॉडल के रूप में उभरा है।