
आपने जो संस्कृत श्लोक प्रस्तुत किया है, वह भगवान शिव के एक रूप, चंद्रशेखर की महिमा का वर्णन करता है। इसमें उनके दिव्य रूप, शक्तियों और मृत्यु के देवता यमराज से भी ऊपर होने का संकेत है।
🕉️ आज का पंचांग एवं ग्रहों की स्थिति – 24 मई 2025 (शनिवार)
विक्रम संवत: 2082 (सिद्धार्थी)
संवत्सर: सिद्धार्थी
संवत्सर राजा: सूर्य
संवत्सर मंत्री: सूर्य
ऋतु: ग्रीष्म
सूर्योदय: प्रातः 5:30 बजे
सूर्यास्त: सायं 7:07 बजे
चंद्रमा: मीन राशि में दोपहर 1:47 तक, उसके बाद मेष राशि में
नक्षत्र: रेवती दोपहर 1:48 तक, उसके बाद अश्विनी
राहुकाल: प्रातः 9:00 से 10:30 बजे तक
शुभ दिशा: पश्चिम, दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम
दिशाशूल: पूर्व दिशा की यात्रा से बचेंAstroSage Magazine
🔥 विशेष योग
-
आयुष्मान योग: प्रातः 3:00 बजे तक – यह योग स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए शुभ है।
-
सौभाग्य योग: दोपहर 3:01 बजे से – यह योग किए गए कार्यों के शुभ परिणाम का संकेत देता है।
🛕 प्रमुख पर्व और व्रत
-
शनि प्रदोष व्रत: इस दिन शनि और शिव की पूजा से मानसिक रोग, बाधाएं और दाम्पत्य जीवन में सुधार होता है।
-
पंचक: दोपहर 1:48 तक – इस समय में शुभ कार्यों से बचें।
-
गंडमूल: इस समय में भी शुभ कार्यों से बचें।