
1. डिहाइड्रेशन (Dehydration)
नई दिल्ली 24 , गर्मी के मौसम में बच्चों का शरीर अधिक पसीना छोड़ता है, जिससे पानी और नमक की कमी हो सकती है। यदि इस कमी की भरपाई नहीं की जाती, तो डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे चक्कर आना, थकान, सूखी त्वचा और मुंह, और गहरे रंग का मूत्र जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
2. डायरिया (Diarrhoea)
डायरिया एक पेट की बीमारी है, जिसमें बार-बार पतला या पानी जैसा दस्त होता है। यह तब होता है, जब पेट सही से खाना नहीं पचा पाता या किसी तरह का इन्फेक्शन हो जाता है। डायरिया से शरीर से पानी और नमक तेजी से निकल जाता है, जिससे बच्चा सुस्त और डिहाइड्रेट हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, डायरिया से हर साल 5 वर्ष से कम उम्र के करीब 4.43 लाख और 5-9 वर्ष की उम्र के लगभग 50 हजार से ज्यादा बच्चों की मौत होती है ।
3. लू (Heatstroke)
लू तब होती है जब शरीर अत्यधिक गर्मी के कारण अपने तापमान को नियंत्रित नहीं कर पाता। इसके लक्षणों में तेज बुखार, उल्टी, चक्कर आना, और बेहोशी शामिल हैं। बच्चों में लू लगने का खतरा अधिक होता है, क्योंकि उनका शरीर जल्दी गर्म हो सकता है और वे खुद को ठंडा करने में सक्षम नहीं होते।
🛡️ बच्चों को गर्मी में सुरक्षित रखने के उपाय
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हाइड्रेशन बनाए रखें: बच्चों को नियमित अंतराल पर पानी, ORS (Oral Rehydration Solution), नींबू पानी, और छाछ जैसे तरल पदार्थ पिलाएं। यह शरीर में पानी और नमक की कमी को पूरा करने में मदद करता है।
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सुरक्षित आहार: बच्चों को ताजे, पके हुए और साफ-सुथरे भोजन दें। बाहर के खुले में बिकने वाले खाद्य पदार्थों से बचें, क्योंकि वे संक्रमण का कारण बन सकते हैं।
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सही वस्त्र पहनाएं: बच्चों को हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनाएं, जो शरीर को ठंडा रखने में मदद करें।
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सूर्य से बचाव: बच्चों को दोपहर 11 बजे से 4 बजे तक सीधे सूर्य की किरणों से बचाएं। इस दौरान घर के अंदर रहना अधिक सुरक्षित है।
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स्वच्छता बनाए रखें: बच्चों को नियमित रूप से हाथ धोने की आदत डालें, खासकर भोजन से पहले और शौचालय के बाद।
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लक्षणों पर ध्यान दें: यदि बच्चे में तेज बुखार, उल्टी, दस्त, चक्कर आना, या सुस्ती जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।