
हनुमानगढ़ में बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश | 28 मई 2025 — उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों के संरक्षण और विकास को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक नगरों के साथ-साथ अब हनुमानगढ़ जैसे अन्य तीर्थस्थलों पर भी सरकार का विशेष ध्यान केंद्रित है।
🙏 जय बजरंगी के नारों से गूंजा हनुमानगढ़
हनुमान जी की भक्ति में लीन श्रद्धालु इन दिनों हनुमानगढ़ में बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। “जय बजरंगी” के जयकारों से वातावरण भक्तिमय हो गया है। स्थानीय पुजारियों और श्रद्धालुओं के अनुसार, हनुमानगढ़ को प्रदेश के प्रमुख हिंदू आस्था केंद्रों में शामिल करने की मांग लंबे समय से की जा रही थी, जिसे अब राज्य सरकार द्वारा गंभीरता से लिया गया है।
🛕 योगी सरकार की प्राथमिकता में धार्मिक धरोहरें
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि:
“धार्मिक स्थलों के विकास और संरक्षण में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। ये स्थल न केवल श्रद्धा के प्रतीक हैं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत भी हैं।“
राज्य सरकार ने अयोध्या, काशी और प्रयागराज में पहले से चल रहे मास्टर प्लान आधारित विकास कार्यों के अलावा छोटे और उभरते धार्मिक स्थलों को भी मुख्यधारा में लाने की योजना बनाई है।
📜 मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश: धार्मिक स्थानों से कोई छेड़छाड़ नहीं
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी धार्मिक स्थल के अस्तित्व से छेड़छाड़ न हो, और उनकी परंपरा, स्वरूप और आस्था का पूर्ण सम्मान किया जाए। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थल देशवासियों के दिलों में बसते हैं और उनके साथ किसी भी प्रकार की अनदेखी अस्वीकार्य है।
📌 पर्यटन और रोजगार को भी मिलेगा बढ़ावा
इन धार्मिक स्थलों के विकास से धार्मिक पर्यटन को नया आयाम मिलेगा और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। स्थानीय व्यापारी, पुजारी वर्ग, और छोटे व्यवसायियों को इससे बड़ा लाभ होने की संभावना है।
🧭 उत्तर प्रदेश: भारत का सांस्कृतिक हृदय
उत्तर प्रदेश ऐतिहासिक रूप से भारत का धार्मिक और सांस्कृतिक हृदय रहा है। योगी सरकार द्वारा चलाए जा रहे इन कार्यों से यह बात और स्पष्ट होती है कि प्रदेश को धार्मिक पर्यटन का केंद्र बनाने की दिशा में सरकार दृढ़ संकल्पित है।
📢 उत्तर प्रदेश की धार्मिक चेतना और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने का यह प्रयास निश्चित ही आने वाले वर्षों में देश को एक नई दिशा देगा।
🖊️ — विशेष संवाददाता, लखनऊ