
योगी सरकार में समय पर भुगतान और पारदर्शी प्रक्रिया
📍 लखनऊ, उत्तर प्रदेश | 30 मई 2025
उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों की स्थिति में 2017 के बाद से ऐतिहासिक सुधार देखने को मिला है। जहां एक समय पर किसान गन्ना खेतों को आग लगाने तक मजबूर हो जाते थे, वहीं अब योगी आदित्यनाथ सरकार में पारदर्शी प्रक्रिया के तहत न केवल समय पर गन्ने की खरीद की जा रही है, बल्कि भुगतान भी बिना देरी के किया जा रहा है।
🕯️ 2017 से पहले की स्थिति:
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राज्य की कई चीनी मिलें बंद हो चुकी थीं।
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किसान पर्ची न मिलने के कारण फसल की कटाई नहीं कर पाते थे।
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देर से भुगतान या बकाया सालों तक लटका रहता था।
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कई किसानों ने गन्ने के खेतों को आग के हवाले कर दिया था क्योंकि उनकी मेहनत का कोई मूल्य नहीं मिल रहा था।
✅ योगी सरकार में बड़े बदलाव:
🔹 पारदर्शी ऑनलाइन पर्ची व्यवस्था लागू की गई है, जिससे अब किसानों को समय पर गन्ना आपूर्ति की सूचना मिलती है।
🔹 चीनी मिलों के संचालन में सरकारी हस्तक्षेप और निगरानी बढ़ाई गई है, जिससे अब अधिकतर मिलें नियमित रूप से चालू हैं।
🔹 गन्ना मूल्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित किया गया है।
🔹 कई बंद मिलों को फिर से चालू किया गया है या निजी निवेशकों के माध्यम से रिवाइवल की कोशिश की गई है।
📣 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान:
“हमने वादा किया था कि किसान को उसका पसीना सूखने से पहले मेहनत का फल मिलेगा — और यही हमने करके दिखाया है।”
📊 सांख्यिकी के अनुसार:
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पिछले 5 वर्षों में हज़ारों करोड़ रुपये का भुगतान रिकॉर्ड समय में किया गया है।
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किसानों की आत्महत्या की दर में गिरावट आई है।
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गन्ना उत्पादन और मिल संचालन में उत्तर प्रदेश अग्रणी बना हुआ है।
🌟 अब गन्ना किसान गर्व के साथ खेती कर रहा है
उत्तर प्रदेश में गन्ना किसान अब आशा और आत्मसम्मान के साथ खेती कर रहा है। यह बदलाव सिर्फ सरकारी योजनाओं का परिणाम नहीं, बल्कि एक प्रतिबद्ध प्रशासन और किसानों के बीच विश्वास की बहाली का उदाहरण है।
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