
जैन आचार्य लोकेशजी ने अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी में “संवाद से सद्भावना” सेमिनार को संबोधित किया
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन का व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान – आचार्य लोकेशजी
बेंगलुरु : अहिंसा विश्व भारती एवं विश्व शांति केंद्र के संस्थापक प्रख्यात जैन आचार्य लोकेशजी, अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी बेंगलुरु में आयोजित “संवाद से सद्भावना” सेमिनार को संबोधित किया | इस ऐतिहासिक सम्मेलन में भारत भर से आध्यात्मिक नेता और अंतरधार्मिक विद्वान एकत्रित हुए, ताकि विविध धार्मिक समुदायों के बीच गहरी समझ, पारस्परिक सम्मान और साझा मूल्यों को बढ़ावा दिया जा सके |
विश्व शांतिदूत आचार्यश्री लोकेश जी ने अजीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन की व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के प्रयासों की सरहना करते हुये कहा कि अजीम प्रेमजी फाउंडेशन एवं विश्वविद्यालय, का उद्देश्य एक अधिक न्यायपूर्ण, समतामूलक, मानवीय और स्थिर समाज के निर्माण करना है | उन्होने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण से ज्यादा खतरनाक वैचारिक प्रदूषण है | दुनिया युद्ध, हिंसा, घृणा, गरीबी, पारिस्थितिकी असंतुलन और असमानताओं के ज्वालामुखी पर खड़ी है। विभिन्न समुदायों, आस्थाओं, संस्कृतियों, धर्मों के बीच सामंजस्य बनाने के लिए एक साथ आना और सामाजिक कल्याण के लिए मानवीय मूल्यों के साथ मिलकर काम करना आज के समय की जरूरत है। युद्ध और हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं, वार्ता के द्वारा संवाद के द्वारा सभी मतभेद दूर किए जा सकते हैं |
जैन आचार्य लोकेशजी ने कहा कि अहिंसा विश्व भारती संस्था द्वारा गुरुग्राम में नव निर्मित भारत का प्रथम विश्व शांति केंद्र, शांति व सद्भावना के प्रयासों को साकार करने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है |
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन द्वारा आयोजित, सद्भाव के लिए संवाद का उद्देश्य विभिन्न परंपराओं के बीच दृष्टिकोणों के आदान-प्रदान के लिए एक खुला, सम्मानजनक और समावेशी मंच बनाना है | इस वर्ष की थीम, “सद्भाव में आवाज़ें: सामान्य मूल्यों और समझ की खोज” में विभिन्न धर्मों के प्रतिष्ठित वक्ता एक साथ आए | संगोष्ठी के दौरान आयोजित विभिन्न सत्रों को आचार्यश्री सहित दरगाह अजमेर शरीफ से हाजी सैयद सलमान चिश्ती, बौद्ध संस्थान गेलुक इंटरनेशनल फाउंडेशन से गेशे न्गवांग नोरबू, बैंगलोर के आर्कबिशप रेव डॉ. पीटर मचाडो, अखिल भारतीय मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की संस्थापक शाइस्ता अंबर, श्री श्री सुगुनेंद्र तीर्थस्वामीजी से डॉ केशवराज, आदि अनेक प्रख्यात ने भी संबोधित किया |