
ब्राह्मण केवल अपने समाज के लिए नहीं, बल्कि समस्त समाज के लिए कार्य करते हैं।
भगवान श्री परशुराम इस विचारधारा का श्रेष्ठ उदाहरण हैं
रोहतक 30 मई।, 30 मई 2025:
हरियाणा सरकार में सहकारिता और विरासत एवं पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण समाज का प्रमुख उद्देश्य समाज में नैतिकता को ऊंचा उठाना और उच्च आदर्शों को स्थापित करना है। वे एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे जिसमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
डॉ. शर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि वे किसानों, मजदूरों, गरीबों और 36 बिरादरी के सच्चे हितैषी नेता हैं। उन्होंने कहा कि “ब्राह्मण केवल अपने समाज के लिए नहीं, बल्कि समस्त समाज के लिए कार्य करते हैं। आज के कार्यक्रम में सभी जातियों और वर्गों की भागीदारी इस भावना को दर्शाती है।”
उन्होंने कहा कि भगवान श्री परशुराम इस विचारधारा का श्रेष्ठ उदाहरण हैं, जिन्होंने समाज को धर्म, आदर्श और नैतिकता की शिक्षा दी। कार्यक्रम स्थल पर भगवान परशुराम जी की भव्य प्रतिमा स्थापित किए जाने की घोषणा करते हुए डॉ. शर्मा ने यह भी बताया कि परिसर की महत्ता अब और बढ़ गई है। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री के समक्ष समाज की अन्य मांगें भी रखीं।
भगवान परशुराम सनातन संस्कृति के रक्षक थे: मोहन लाल कौशिक
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल कौशिक ने भगवान परशुराम को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे न केवल एक महान योद्धा थे, बल्कि सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति के सशक्त रक्षक भी थे। उन्होंने कहा:
“भगवान परशुराम ने अन्याय और अधर्म के विरुद्ध आवाज उठाकर समाज में समानता और न्याय की स्थापना की। उनकी शिक्षाएं आज भी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक हैं।”
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने भूमि विवाद का समाधान करके इस स्थल के विकास का मार्ग प्रशस्त किया। कौशिक ने कहा कि यहाँ प्रस्तावित शिक्षण संस्थान में 36 बिरादरी के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा।
अन्य गणमान्य अतिथि भी रहे मौजूद
इस अवसर पर हरियाणा सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार, महीपाल ढांडा, रणबीर गंगवा, राज्य मंत्री गौरव गौतम सहित कई गणमान्य अतिथि एवं ब्राह्मण समाज के प्रमुख प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि ब्राह्मण समाज केवल अपनी परंपराओं को सहेजने के लिए नहीं, बल्कि सम्पूर्ण समाज में नैतिकता, समानता, शिक्षा और संस्कृति की ज्योति जलाने के लिए प्रतिबद्ध है। भगवान परशुराम जैसे महापुरुषों की प्रेरणा से आज भी समाज में आदर्श मूल्यों की पुनर्स्थापना का कार्य किया जा रहा है।