
आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने की सीबीआई जांच की मांग
नगर निगम ने बिना नया टेंडर लगाए ठेके की राशि 84.08 करोड़ से बढ़ाकर 154.72 करोड़ कर दी, ठेका अवधि डेढ़ वर्ष तक बढ़ाई गई
जोनवार रेटों में 81% से 86% तक की भारी वृद्धि, भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाली एफआईआर के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं
पानीपत, 30 मई 2025:
आरटीआई एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता पीपी कपूर ने नगर निगम पानीपत के सफाई कार्य के ठेके में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का खुलासा किया है। कपूर ने नगर निगम द्वारा दो निजी कंपनियों को दिए गए सफाई ठेके को तत्काल रद्द करने और इस घोटाले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है।
घोटाले का तरीका:
नगर निगम को ठेका समाप्त होने से पहले नया टेंडर जारी करना था।
पीपी कपूर ने बताया कि 13 मई 2022 को नगर निगम पानीपत ने गलियों, सड़कों और सार्वजनिक स्थानों की सफाई के लिए चार जोनों का ठेका दो कंपनियों—पूजा कांसुलेशन सोनीपत (जोन 3,4) और आईएनडी सैनिटेशन प्राइवेट लिमिटेड गुरुग्राम (जोन 1,2)—को कुल 84.08 करोड़ रुपये सालाना में दिया था। यह ठेका दो साल के लिए था, जिसकी अवधि 13 मई 2024 को समाप्त हो रही थी।
नियमों के अनुसार, नगर निगम को ठेका समाप्त होने से पहले नया टेंडर जारी करना था। लेकिन बिना कोई नया टेंडर आमंत्रित किए, कमिश्नर नगर निगम की सिफारिश पर निदेशक शहरी स्थानीय निकाय ने ठेके की अवधि 30 जून 2024 तक बढ़ा दी। इसके बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में केबिनेट सब कमेटी की 25 जून 2024 को हुई बैठक में इस अवधि को 31 जुलाई और फिर दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया।
जनवरी 2025 में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली केबिनेट सब कमेटी ने बिना नया टेंडर लगाए इन दोनों कंपनियों के ठेके की वार्षिक राशि को 84 प्रतिशत से अधिक बढ़ाकर 154.83 करोड़ रुपये कर दिया और ठेका अवधि को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ा दिया।
जोनवार रेट वृद्धि का विवरण:
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जोन-1: 21.28 करोड़ से बढ़ाकर 39.66 करोड़ (86.14% वृद्धि)
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जोन-2: 22.77 करोड़ से बढ़ाकर 41.37 करोड़ (81.64% वृद्धि)
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जोन-3: 20.24 करोड़ से बढ़ाकर 37.78 करोड़ (86.58% वृद्धि)
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जोन-4: 1.97 करोड़ से बढ़ाकर 35.90 करोड़ (81.64% वृद्धि)
पीपी कपूर ने कहा कि इस तरह बार-बार ठेके में वृद्धि और अवधि बढ़ाने से यह स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री स्वयं इस घोटाले में शामिल हैं और भ्रष्ट कंपनियों को संरक्षण दे रहे हैं।
सफाई ठेका देने की पावर निगम के पास नहीं
कपूर ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने नगर निगम के निर्वाचित मेयर और पार्षदों को पूर्ण रूप से निष्प्रभ बना दिया है। नगर निगम के पास यह अधिकार नहीं है कि वे अपने शहर के सफाई ठेकेदारों का चयन करें। यह निर्णय चंडीगढ़ स्थित राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है। भ्रष्ट ठेकेदारों को बिना रोक-टोक फायदा पहुंचाया जा रहा है, जिससे सरकार को भारी राजस्व हानि हो रही है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ दर्ज FIR, पर कार्रवाई नहीं
सीएम फ्लाइंग स्क्वाड ने 2 मई 2025 को इन दो कंपनियों के संचालकों समेत नगर निगम के 14 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ 15.84 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े की एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि इन ठेकेदारों ने 1259 कर्मचारियों को लगाना था, लेकिन केवल 847 ही लगाए गए, जिससे सरकार को हर माह 66 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
फिर भी, इस एफआईआर के बावजूद अभी तक किसी की गिरफ्तारी या सस्पेंशन नहीं हुआ और दोषी कंपनियों का ठेका जारी है।
राज्य के अन्य शहरों में भी हुआ भारी रेट वृद्धि
पीपी कपूर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 18 अन्य शहरों के सफाई ठेकों के रेट भी भारी मात्रा में बढ़ाए हैं। पंचकूला निगम में तो रेटों में 213% तक की वृद्धि हुई है। कपूर ने इस पूरे घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की है और कहा कि दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर ठेका रद्द किया जाना चाहिए।
पानीपत नगर निगम में सफाई कार्य के ठेके में हुए इस बड़े घोटाले ने शासन-प्रशासन और राजनीतिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। भ्रष्टाचार, मिलीभगत और राजनीतिक संरक्षण से संचालित यह मामला जांच और सख्त कार्रवाई की मांग करता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोक जा सकें और जनता का हित सुरक्षित रहे।