
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक पत्र भेजते हुए ट्रंप की धमकी की निंदा
नई दिल्ली 31 मई। ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की परमाणु ठिकानों को नष्ट करने की धमकी पर कड़ा विरोध जताया है। ईरान के एक अज्ञात अधिकारी ने कहा कि इस तरह की धमकियाँ ईरान के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ खुली शत्रुता हैं और अमेरिका को अपनी आक्रामक भाषा और प्रतिबंधों को छोड़ना चाहिए। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक साक्षात्कार के दौरान कहा था कि यदि ईरान के साथ परमाणु समझौता विफल होता है, तो वह ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करने के लिए तैयार हैं, हालांकि उन्होंने शुक्रवार को कहा कि निकट भविष्य में ईरान के साथ समझौता संभव हो सकता है।
ईरान के स्थायी प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक पत्र भेजते हुए ट्रंप की धमकी की निंदा की और कहा कि इस तरह की आक्रामक भाषा का सामान्यीकरण एक खतरनाक उदाहरण प्रस्तुत करता है, जिसे स्पष्ट रूप से निंदा की जानी चाहिए।
सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने ईरान से आग्रह किया
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने भी ट्रंप की धमकी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कुछ देशों की सरकारें बातचीत के नाम पर प्रभुत्व स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं, जो ईरान के लिए स्वीकार्य नहीं है।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरगची ने चेतावनी दी कि यदि अमेरिका और इज़राइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया, तो यह क्षेत्रीय स्तर पर व्यापक युद्ध का कारण बनेगा, और यह अमेरिका की ओर से एक ऐतिहासिक गलती होगी।
इस बीच, सऊदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने ईरान से आग्रह किया कि वह ट्रंप के परमाणु समझौते के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार करें, ताकि इज़राइल के साथ संभावित सैन्य संघर्ष से बचा जा सके।
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ रहा है, और यदि दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक प्रयासों में सफलता नहीं मिलती, तो यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते को लेकर बढ़ती तनातनी