
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चुनावी मैदान में
पटना बिहार 31मई। बिहार की राजनीति में इन दिनों हलचल तेज़ है, खासकर आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर राज्य में अपराध की बढ़ती घटनाओं और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में अपराधों की संख्या में वृद्धि हुई है। तेजस्वी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री चुनावों के समय बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन वादों को पूरा नहीं करते।
वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे राज्य की प्रगति में रुकावट डालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को जनता के बीच जाकर उनके मुद्दों का समाधान करना चाहिए, बजाय इसके कि वे सरकार की नीतियों पर अनावश्यक आलोचना करें।
इस बीच, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चुनावी मैदान में है और वह मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। उन्होंने राज्य में विकास की गति को धीमा बताते हुए कहा कि बिहार को नई दिशा की आवश्यकता है।
चुनावों के मद्देनजर, राज्य में विकास कार्यों की समीक्षा की जा रही है। हाल ही में, मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों में विकास योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे योजनाओं को समय पर पूरा करें। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य की राजनीति में इन घटनाओं के बीच, आगामी विधानसभा चुनावों में जनता के मुद्दों पर चर्चा और विकास कार्यों की प्रगति महत्वपूर्ण होगी। राजनीतिक दलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे जनता के विश्वास को बनाए रखें और उनके मुद्दों का समाधान करें।
अब देखिये बिहार में लालू यादव की सरकार के आखिरी साल 2004 में अपराध के कुल 1,15,216 मामले दर्ज हुए थे,जबकि नीतीश कुमार की सरकार में 15 साल बाद, साल 2019 में कुल अपराध के आंकड़े बढ़कर 2,69,096 हो गए, यानी दोगुने से भी ज्यादा.तो सवाल ये है की कहां गए वो वादे नेता जी जो आपने मंच पर भौकाल बनाया था जब जब चुनाव आता है एक। इस दौरान पीएम मोदी के बिहार दौरे के भी विपक्ष कई राजनीतिक मायने निकल रहा है अब अगर हम तेजस्वी यादव की बात करे तो उन्होंने कहा है की पीएम पर राज्य की अहम समस्याओं बेरोजगारी, पलायन और विशेष राज्य के दर्जे पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया. तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मोदी ने ‘मुंह ही नहीं खोला’ और 2015 की पुरानी योजनाओं को फिर से लॉन्च कर केवल दिखावा किया.इस दौरान एक रिसर्च से पता चला की 2024 में 2 मार्च को गिरा था पहला पुल दरअसल 1200 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा था. इसके बाद 18 जून 2024 को अररिया जिले में बकरा नदी पर बना पुल ध्वस्त हो गया था. 22 जून को सीवान में गंडक नदी पर बना पुल जल में समा गया था… क्या ही विकास हो रहा है समझ नहीं आता बिहार का जनता तो वोट विकास के लिए देती है लेकिन विकास ही विलुप्त है बिहार से खैर आज के लिए बस इतना ही फिर कल आपके साथ जुड़ेंगे ऐसी ही बिहार के एक और मुद्दे के साथ क्योंकि सच दिखाना काम है मेरा और सवाल पूछना धर्म और कर्म और धर्म कभी नहीं छोड़ना चाहिए