
उत्तर प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति
उत्तर प्रदेश की मौजूदा बिजली उत्पादन क्षमता 25,000 मेगावाट से बढ़कर 29,000 मेगावाट तक पहुँचने की संभावना है।
खनऊ, 2 जून 2025: उत्तर प्रदेश ने हाल के वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, विशेषकर नवीकरणीय ऊर्जा और पारंपरिक स्रोतों के संयोजन से। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य ने ऊर्जा उत्पादन क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि की है, जिससे यह देश के अग्रणी ऊर्जा उत्पादक राज्यों में शामिल हो गया है।
⚡ ऊर्जा उत्पादन क्षमता में वृद्धि
उत्तर प्रदेश की मौजूदा बिजली उत्पादन क्षमता 25,000 मेगावाट से बढ़कर 29,000 मेगावाट तक पहुँचने की संभावना है। इसके लिए राज्य में 10 नई तापीय बिजली परियोजनाओं की स्थापना की जा रही है, जिनसे कुल 5,255 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन होगा। इन परियोजनाओं में घाटमपुर, ओबरा-सी, जवाहरपुर, पनकी और खुर्जा जैसी प्रमुख इकाइयाँ शामिल हैं। इन परियोजनाओं में से कुछ का उत्पादन जुलाई 2024 से शुरू होने की उम्मीद है।
☀️ नवीकरणीय ऊर्जा में प्रगति
उत्तर प्रदेश ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य ने लगभग ₹1 लाख करोड़ की लागत से 125 स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं की योजना बनाई है, जिसका उद्देश्य 2028 तक 40% ऊर्जा आवश्यकताओं को सौर और वैकल्पिक स्रोतों से पूरा करना है। इसके तहत झाँसी, चित्रकूट और ललितपुर जिलों में 2,000 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना की जाएगी। इसके अतिरिक्त, सोनभद्र में 3,660 मेगावाट की पंप स्टोरेज परियोजना और मटातिला जलाशय में 1,000 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजना भी प्रस्तावित हैं।
🏠 घरेलू ऊर्जा आत्मनिर्भरता
राज्य सरकार ने 2.5 मिलियन (25 लाख) घरों को सौर ऊर्जा से सुसज्जित करने की योजना बनाई है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, 1.78 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त बिजली कनेक्शन प्रदान किए गए हैं, और 1.31 लाख घरों में प्रधानमंत्री सूर्या घर योजना के तहत रूफटॉप सोलर पैनल स्थापित किए गए हैं।
🌱 जैविक ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन
उत्तर प्रदेश सरकार ने जैविक ऊर्जा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। राज्य ने अगले दो वर्षों में जैव-सीएनजी उत्पादन क्षमता को 1,000 टन प्रति दिन, जैव-कोल को 4,000 टन प्रति दिन और जैव-डीजल को 2,000 किलोलीटर प्रति दिन तक बढ़ाने की योजना बनाई है। इसके अलावा, राज्य ने हरित हाइड्रोजन नीति को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य 2028 तक एक मिलियन मीट्रिक टन हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना है।