
डीसी ने कहा कि माता शीतला मंदिर आस्था और श्रद्धा का केंद्र है।
– डीसी अजय कुमार की अध्यक्षता में मेला तैयारियों को लेकर अधिकारियों की बैठक सम्पन्न
– डीसी ने मेले के सफल आयोजन, श्रद्धालुओं की सुविधाओं व सुरक्षा को लेकर दिए व्यापक दिशा-निर्देश
गुरुग्राम, 04 जून।
गुरुग्राम के ऐतिहासिक एवं श्रद्धा के केंद्र श्री माता शीतला देवी मंदिर में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी आषाढ़ मेला का आयोजन 12 जून से 10 जुलाई तक किया जाएगा। मेले की तैयारियों एवं व्यवस्थाओं को लेकर श्री माता शीतला देवी श्राइन बोर्ड के प्रशासक एवं डीसी अजय कुमार की अध्यक्षता में आज लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में एक बैठक आयोजित की गई।
बैठक में पुलिस, स्वास्थ्य, अग्निशमन, नगर निगम, परिवहन, बिजली, जल आपूर्ति तथा मंदिर प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों ने भाग लिया। डीसी ने सभी विभागों को आपसी समन्वय एवं प्रभावी योजना के माध्यम से मेले को सुगम, सुरक्षित व व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न कराने के निर्देश दिए।
डीसी अजय कुमार ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि मेला क्षेत्र में सुचारू संचालन हेतु समयबद्ध कार्य योजनाएं तैयार कर क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। पुलिस विभाग को सुरक्षा व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण, पार्किंग प्रबंधन और यातायात व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश दिए गए। स्वास्थ्य विभाग को मंदिर परिसर और पार्किंग क्षेत्र में एम्बुलेंस सेवाएं तथा चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके। अग्निशमन विभाग को मेला स्थल पर अग्निशमन वाहनों की तैनाती के साथ-साथ आग से सुरक्षा के पर्याप्त उपाय रखने के निर्देश दिए गए हैं। नगर निगम को स्वच्छता व्यवस्था, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई, पेयजल की उपलब्धता और कचरा निस्तारण को प्राथमिकता देने को कहा गया है। साथ ही परिवहन विभाग को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि श्रद्धालुओं को सार्वजनिक परिवहन की सुचारु और नियमित सेवाएं प्राप्त हों। बिजली विभाग को निर्बाध विद्युत आपूर्ति के साथ-साथ बैकअप व्यवस्था की भी तैयारी रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि मेला क्षेत्र में रोशनी और आवश्यक विद्युत सुविधाओं में कोई बाधा न आए।
डीसी ने कहा कि माता शीतला मंदिर आस्था और श्रद्धा का केंद्र है। मेला लाखों श्रद्धालुओं की सहभागिता का प्रतीक होता है। ऐसे में प्रशासन का कर्तव्य है कि श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुगम वातावरण उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने मंदिर प्रबंधन, स्वयंसेवी संगठनों व आम नागरिकों से भी सहयोग की अपील की है।
दर्शन समय और विशेष प्रावधान
बैठक में मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा जानकारी दी गई कि मेले के प्रारंभिक 15 दिनों में श्रद्धालुओं के दर्शन का समय प्रातः 4 बजे से रात्रि 10 बजे तक निर्धारित किया गया है। इस अवधि में रविवार और सोमवार को अत्यधिक भीड़ की संभावना को ध्यान में रखते हुए तथा मेला अवधि के अंतिम 15 दिनों के दौरान मंदिर के कपाट 24 घंटे खुले रहेंगे, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
बैठक में मंदिर प्रबंधन से टेंपल ऑफिसर युगदत्त शर्मा, पंकज सहित पुलिस, स्वास्थ्य तथा मेला आयोजन से जुड़े अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।