
विश्व पर्यावरण दिवस पर बच्चों ने विश्व शांति केंद्र में पौधारोपण कर बड़ों को प्रेरित किया-जैनाचार्य
वर्तमान मानव आबादी के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं
पर्यावरण संरक्षण के लिए संयम आधारित जैन जीवन शैली को अपनाना होगा- जैन आचार्य लोकेश
नई दिल्ली, 5 जून 2025: विश्व शांति केंद्र के प्रांगण में जैन आचार्य लोकेशजी के सन्निधि में बच्चों ने विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्षारोपण किया | बच्चों को वृक्षारोपण करते देख क्षेत्र के बसे भी उनसे प्रेरित हुये |
पर्यावरण संरक्षण के लिए संयम आधारित जीवन शैली आवश्यक है |
विश्व शांतिदूत आचार्य लोकेशजी ने इस अवसर पर कहा कि पर्यावरण जीवन स्तोत्र है, पर्यावरण के विभिन्न घटक, जैसे कि हवा, पानी, मिट्टी, और पौधे, सभी जीवों के लिए महत्वपूर्ण हैं | वर्तमान में पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग, प्रकृति की क्षति, खाद्य असुरक्षा, जैव विविधता की हानि, की समस्याओं से जनमानस के शारीरिक, मानसिक और भावात्मक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा हैं | ये न केवल वर्तमान मानव आबादी के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी खतरा हैं |
जैनाचार्य लोकेशजी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए संयम आधारित जीवन शैली आवश्यक है | जैन धर्म में प्रकृति के सभी तत्वों, जैसे कि पृथ्वी, जल, वायु, वनस्पति और अग्नि को जीवित माना जाता है। इन सभी को नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए|
ग्लोबल भारत के ब्रांड एंबेसडर व दिल्ली स्टडी ग्रूप के अध्यक्ष डॉ विजय जॉली ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम है “प्लास्टिक प्रदूषण को हराना।”, उन्होने कहा ‘गो ग्रीन गो क्लीन’ एवं ‘नो टु प्लास्टिक’ को दैनिक जीवन में आत्मसात करने से पर्यावरण सुरक्षित होगा| शाकाहार अपनाना, पेड़ लगाना और उनकी देखभाल, जल, वायु और पृथ्वी को प्रदूषित न करना, अनेक ऐसे मुद्दे हैं जिनपर ध्यान देने से पर्यावरण को सुरक्षित किया जा सकता है |