
गुरुग्राम के भोड़ा कला गांव
पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल
गुरुग्राम, 9 जून:
गुरुग्राम जिले के बड़े गांव भोड़ा कला में सन्यास और सेवा के लिए जाने जाने वाले महामंडलेश्वर स्वामी ज्योति गिरी महाराज के खिलाफ जमीन पर कब्जे और गौशाला के संचालन को लेकर विवाद गरमा गया है। कुछ दिनों से गौशाला में गायों को चारा-पानी तक नहीं मिल रहा, जिससे उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है। वहीं अस्पताल की जमीन पर फर्जी दस्तावेज बनाकर कब्जा करने की कोशिशें भी सामने आई हैं। इन सबके बीच पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज होने के बावजूद कोई गिरफ्तारी नहीं होने से सवाल उठ रहे हैं।
गौशाला की बदतर हालत
भोड़ा कला गांव की गौशाला, जिसे स्वामी ज्योति गिरी महाराज ने 1998 में स्थापित किया था और बीमार, घायल और सड़क दुर्घटना से प्रभावित गायों का इलाज किया जाता रहा था। तब से गायों की सेवा में यह गौशाला एक मिसाल थी। लेकिन अब पिछले दो दिनों से गौशाला में गायों के लिए चारा और पानी का अभाव हो गया है। रामभूल सिंह, जो गांव विकास समिति के प्रधान हैं, का कहना है कि गाय भूखी-प्यासी तड़प रही हैं और दूध भी निकलना बंद हो गया है। गायों की सेवा के लिए बनाई गई इस जगह पर अब झगड़े भी हो रहे हैं, जहां गांव के कुछ लोग गौशाला के संचालन को लेकर भिड़ गए और झगड़ा मारपीट तक पहुंच गया।
अस्पताल पर कब्जे का आरोप
स्वामी ज्योति गिरी महाराज ने 2014 में भोड़ा कला गांव में एक अस्पताल भी खोला था, जहां गरीबों का निशुल्क इलाज होता था। परन्तु महाराज के गांव छोड़ने के बाद अस्पताल का सामान चोरी हो गया और अस्पताल बंद हो गया। इसके बाद कुछ लोगों ने फर्जी कागजात बनाकर अस्पताल की जमीन को किराए पर एक अकादमी को दे दिया। जब स्वामी जी को यह पता चला, तो उन्होंने उन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
जमीन विवाद और पंचायत का विरोध
गांव के कुछ लोगों का आरोप है कि स्वामी ज्योति गिरी महाराज ने पंचायत की जमीन पर गौशाला बनाई है, जो गैरकानूनी है। हालांकि गौशाला के निर्माण के समय प्रशासनिक अधिकारी और पंचायत के सदस्य मौजूद थे और उन्होंने इसका विरोध नहीं किया था। अब पंचायत और गांव के प्रशासनिक बदलाव के साथ, कुछ लोग गौशाला को तोड़वाने की मांग कर रहे हैं। गांव में यह विवाद अभी और बढ़ता जा रहा है।
हनुमान मंदिर और पूजा-पाठ की स्थिति
स्वामी जी के जाने के बाद हनुमान मंदिर भी पुजारियों के लिए दरकिनार हो गया है। जो पुजारी महाराज ने भेजे थे, उन्हें गांव के कुछ लोगों ने मंदिर से भगा दिया। अब मंदिर में पूजा पाठ भी कभी-कभार ही होता है। यह भी गांव में धार्मिक माहौल को प्रभावित कर रहा है।
पुलिस की भूमिका और न्याय की गुहार
स्वामी ज्योति गिरी महाराज ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और मामले की जांच भी शुरू हो गई है, लेकिन गिरफ्तारी अभी तक नहीं हुई है। पुलिस की धीमी कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। महाराज न्याय पाने के लिए प्रशासन के पास लगातार गुहार लगा रहे हैं।
गाय का सांस्कृतिक महत्व और वर्तमान स्थिति
सनातन धर्म में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है और इसे पवित्र माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण भी गायों के बीच रहते थे और उन्हें माता मानते थे। लेकिन आज की स्थिति यह है कि गायों को दूध निकालने के बाद सड़कों पर छोड़ दिया जाता है, वे घायल और भूखी-प्यासी भटकती हैं। भोड़ा कला की गौशाला में भी अब गायों को पानी और चारा नहीं मिल पा रहा है। यह स्थिति गौ सेवा के लिए बनी जगह के लिए शर्मनाक है।
भोड़ा कला गांव में स्वामी ज्योति गिरी महाराज की सेवा और भक्ति को ठेस पहुंचाई जा रही है। गौशाला और अस्पताल की जमीनों पर कब्जा करने की कोशिशें, गायों की दुर्दशा, गांव में धार्मिक और सामाजिक विवाद, और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता इस पूरे मुद्दे को और जटिल बना रहे हैं। अब सवाल यह है कि न्याय कब मिलेगा और क्या गौशाला और अस्पताल फिर से वैसा सेवा केंद्र बन पाएंगे जैसा पहले था।