
पुलिस शहीद फाउंडेशन हरियाणा के कार्यक्रम में गुरुग्राम पुलिस कमिश्नरेट दिवस पर हुई सारगर्भित चर्चा
गुरुग्राम, 9 जून —
पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू होने के बाद गुरुग्राम का रुतबा न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ा, बल्कि स्मार्ट पुलिसिंग और कॉम्युनिटी एंगेजमेंट की दिशा में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई। यह विचार गुरुग्राम पुलिस की ओर से पुलिस शहीद फाउंडेशन हरियाणा के प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए व्यक्त किए गए।
गुरुग्राम पुलिस कमिश्नरेट दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों, फाउंडेशन सदस्यों एवं समाज के गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया।
पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा, एडीजीपी, ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा,
> “पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू होने के बाद गुरुग्राम पुलिस ने कॉम्युनिटी पुलिसिंग के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। चुनौतियाँ बड़ी हैं, लेकिन हमारी क्षमता और जिम्मेदारी भी उसी अनुपात में बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि पहले गुरुग्राम में केवल एसपी स्तर का एक अधिकारी तैनात होता था, परंतु जनसंख्या और ढांचागत विकास को देखते हुए सरकार ने कमिश्नरी लागू कर जिले को एक सशक्त प्रशासनिक ढांचा प्रदान किया। आज गुरुग्राम में एक एडीजीपी स्तर के पुलिस कमिश्नर के साथ-साथ 7 डीसीपी और लगभग 15 एसीपी तैनात हैं, जो कानून-व्यवस्था, साइबर अपराध, ट्रैफिक प्रबंधन सहित अनेक क्षेत्रों में दक्षता से कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने गुरुग्राम को ‘साइबर सिटी’ और ‘मिलेनियम सिटी’ की उपाधि मिलने का श्रेय भी मजबूत कानून व्यवस्था और सतर्क पुलिसिंग को दिया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस शहीद फाउंडेशन हरियाणा के अध्यक्ष, एडवोकेट आर. एल. शर्मा ने कहा,
आज के समय में पुलिस की भूमिका सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि आमजन के विश्वास को कायम रखना भी एक बड़ी चुनौती बन चुका है।
शर्मा ने कोरोना महामारी के दौरान पुलिस द्वारा निभाई गई अग्रणी भूमिका की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि जब पूरा देश लॉकडाउन में था, तब पुलिस ने योद्धा की भांति अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया और अपने मानवीय चेहरे से समाज को विश्वास दिलाया कि पुलिस हमेशा उनके साथ खड़ी है।
उन्होंने बताया कि 18 वर्ष पूर्व 8 जून 2007 को गुरुग्राम में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली लागू की गई थी, जिससे पुलिस को न्यायिक और वित्तीय अधिकार प्राप्त हुए। साथ ही उन्होंने फाउंडेशन की ओर से यह भरोसा दिलाया कि पुलिस शहीद फाउंडेशन, वर्ष 2004 से निरंतर पुलिस कल्याण में संलग्न रहा है और भविष्य में भी सहयोग और समन्वय की भावना से कार्य करता रहेगा।
इस अवसर पर पुलिस शहीद फाउंडेशन हरियाणा के महासचिव दीपक मैनी, महिला विंग अध्यक्ष ऋतु कटारिया, कोषाध्यक्ष चंद्र प्रकाश भारद्वाज, वरिष्ठ सदस्य राजकुमार त्यागी, बनवारी लाल शर्मा, प्रदीप मोदी, डॉ अंशुल ढींगरा सहित अनेक समाजसेवी, उद्यमी, उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि और फाउंडेशन के सदस्य उपस्थित रहे।