
रुक्मिणी-कॆलि-संयुक्तं पीताम्बर-सुषॊभीतम्। अवप्त-तुलसी-गन्धं कृष्णं वन्दॆ जगद्गुरुम् ॥"
आज का पंचांग और ज्योतिषीय समाचार
📆 गुरुवार, 12 जून 2025 | विक्रम संवत 2082 | आषाढ़ मास, कृष्ण पक्ष, प्रतिपदा तिथि
🌼 शुभारंभ श्री गणेशाय नमः – जय श्रीकृष्ण 🙏
वेदों और शास्त्रों में वर्णित पंचांग के अनुसार आज का दिन अध्यात्म और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।
🔯 पावन श्लोक
“रुक्मिणी-कॆलि-संयुक्तं पीताम्बर-सुषॊभीतम्।
अवप्त-तुलसी-गन्धं कृष्णं वन्दॆ जगद्गुरुम् ॥”
अर्थ: मैं उस जगद्गुरु श्रीकृष्ण को नमन करता हूँ, जो रुक्मिणीजी के साथ सदा रमणीय हैं, पीताम्बर से सुशोभित हैं और जिनसे तुलसी की पावन गंध आती है।
🌞 दिन विशेष विवरण
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दिन: गुरुवार
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सूर्य उदय: प्रातः 5:27
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सूर्य अस्त: सायं 7:16
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ऋतु: ग्रीष्म
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सूर्य उत्तरायण
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चंद्रमा की स्थिति: धनु राशि में
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नक्षत्र: मूल (रात्रि 9:57 तक), फिर पूर्वाषाढ़ा
🪔 योग और करण
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योग: शुभ (दोपहर 2:05 तक), शुक्ल (इसके पश्चात)
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गण्डमूल: रात्रि 9:57 बजे तक
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शुभ कार्यों के लिए अनुकूल समय: दोपहर 2:05 बजे तक विशेष रूप से उपयुक्त
🧭 दिशा शास्त्र
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शुभ दिशा: पूर्व, उत्तर, पूर्वोत्तर
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दिशा शूल: दक्षिण (यात्रा से पहले दही खाएं)
⌛ राहुकाल
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दोपहर 2:00 से 3:30 बजे तक — इस काल में कोई भी नया या शुभ कार्य वर्जित माना गया है।
🪐 ग्रहों की स्थिति
ग्रह | राशि | नक्षत्र (चरण) | नक्षत्र स्वामी |
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सूर्य | वृष | मृगशिरा (2) | मंगल |
चंद्रमा | धनु | मूल → पूर्वाषाढ़ा | केतु/शुक्र |
मंगल | सिंह | मघा (1–2) | केतु |
बुध | मिथुन | आर्द्रा (2–3) | राहु |
गुरु (अस्त) | मिथुन | मृगशिरा (4) | मंगल |
शुक्र | मेष | अश्विनी (4) | केतु |
शनि | मीन | उत्तर भाद्रपद (2) | शनि |
राहु | कुंभ | पूर्व भाद्रपद (3) | गुरु |
केतु | सिंह | उत्तरा फाल्गुनी (1) | सूर्य |
📊 लग्न सारणी (दैनिक)
समय | लग्न |
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प्रात: 5:37 तक | वृष |
7:51 तक | मिथुन |
10:11 तक | कर्क |
12:29 तक | सिंह |
2:46 तक | कन्या |
5:04 तक | तुला |
7:23 तक | वृश्चिक |
9:27 तक | धनु |
11:10 तक | मकर |
🕉️ संवत्सर की जानकारी
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संवत्सर नाम: सिद्धार्थी
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राजा: सूर्य
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मंत्री: सूर्य
🌟 विशेष पर्व / योग / सावधानी
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गण्डमूल नक्षत्र: संतान जन्म या विवाह कार्य में सावधानी रखें।
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नवीन कार्य हेतु शुभ समय: दोपहर से पूर्व
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यात्रा के पूर्व दिशा का ध्यान रखें। दक्षिण दिशा में यात्रा से पूर्व दही का सेवन करें।