
चिराग पासवान बिगाड़ेंगे एनडीए का खेल सीट को लेकर बिगड़ रही है बात ?
Highlight*
चिराग पासवान क्या बिगाड़ देंगे एनडीए का ख्याल
बिहार में एनडीए की चुनावी समीकरण
243 सीटों पर किसका चलेगा सिक्का इस बार
क्या चिराग पासवान मान जाएंगे 35 सीटों में
बिहार विधान चुनाव इस वक्त सुर्ख़ियों में है लगभग सारी पार्टियां 243 सीटों पर अपना जोर आजमाने में में लगी हुई है वो कहते है ना जीवन के पैमाने पर यह कैसी पैमाइश है हर नए दर्जे पर एक अलग ही आजमाइश है….इस वक्त सीटों के तालमेल के लेकर महागठबंधन और एनडीए दोनों में खींचतान हो रही है महागठबंधन में जहां एक तरफ सीट बटवारे की बात चल रही है तो वही दूसरी ओर एनडीए ने अपना रुख साफ़ कर दिया है देखिये यहां एनडीए का कहना है की कोई मुसीबत नहीं होगी सीटों को लेकर लोक सभा की तरह हम विधान सभा में भी बैठक कर लेंगे। लेकिन क्या ये इतना आसान है देखिये ये समझने वाली बात है गठबंधन में सभी दलों को ज्यादा से ज्यादा सीटों की चाहत होती है लेकिन जो फार्मूला एनडीए और जेडयू बनाने के फ़िराक में है तो क्या इस पर पीएम के हनुमान कहे जाने वाले चिराग़ पासवान और जीतनराम मांझी अपनी सहमति देंगे ये सवाल अब हर किसी के जुबान पर है। हालांकि बीजेपी के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, संभावित सीट शेयरिंग का एक फॉर्मूला सामने आया है।
इस फॉर्मूले के अनुसार, कुल 243 विधानसभा सीटों में से बीजेपी और जेडीयू को 102-102 सीटें दी जा सकती हैं। वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान को 28 सीटें, जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को 7 सीटें और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 4 सीटें मिल सकती हैं।
सूत्रों के अनुसार, अगर चिराग पासवान सीटों की संख्या से संतुष्ट नहीं होते, तो बीजेपी और जेडीयू अपनी-अपनी एक-एक सीट छोड़कर चिराग को कुल 30 सीटें देने पर विचार कर सकते हैं।
गौरतलब है कि एनडीए के भीतर सीटों का बंटवारा हमेशा एक संवेदनशील मसला रहा है और सभी घटक दलों की सहमति बनाना चुनौतीपूर्ण होता है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह प्रस्तावित फॉर्मूला अंतिम रूप ले पाएगा या फिर सीटों को लेकर मतभेद गहराते हैं।
ljp -रामविलास की ओर से दबाव बनाया जा रहा है कि उसे कम से कम 40 सीटें मिलें, लेकिन अगर बातचीत में सहमति नहीं बनी तो 35 सीटें न्यूनतम शर्त होंगी। पार्टी नेता ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि “35 सीट से नीचे हम लोग नहीं मान सकते, उसके लिए कुछ भी करना पड़े।” फिलहाल चर्चाएं चल रही हैं कि क्या चिराग पासवान 30 सीटों पर भी समझौता कर सकते हैं या नहीं, लेकिन अंदरखाने से संकेत साफ हैं कि पार्टी नेतृत्व इसके लिए तैयार नहीं है।
इस सबका मतलब यह है कि बिहार एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर होने वाली बैठक में तनातनी देखने को मिल सकती है। अगर भाजपा और जदयू 35 से कम सीटों का प्रस्ताव देते हैं, तो एलजेपी (रामविलास) की नाराजगी खुलकर सामने आ सकती है — जो आगे चलकर गठबंधन की एकजुटता पर भी असर डाल सकती है।