
सांप्रदायिक तनाव देखने को मिला था. यहां ईद के बाद हनुमान मंदिर के पास लगातार मवेशियों के सिर रखे जाने से सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया. अब इस पूरे मामले पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की प्रतिक्रिया सामने आई है. इसके साथ ही उन्होंने अवैध गतिविधि देखते ही पुलिस को गोली मारने के आदेश दिए हैं.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि हनुमान मंदिर में गो मांस फेंककर घृणित और निंदनीय अपराध किया है. जिन लोगों ने कानून अपने हाथ में लिये हैं, उनके साथ सख्ती से निपटा जाएगा. सरमा ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से धुबरी में कानून-व्यवस्था की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है.असम के धुबरी में रविवार (8 जून 2025) को एक मंदिर के पास मांस फेंके जाने के विरोध में प्रदर्शन हुए थे, जिस वजह से स्थिति बिगड़ गई थी. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे. हालात ये बने कि पूरे इलाके में भारी फोर्स की तैनाती की गई. इसके साथ ही खुद सीएम हिमंता ने इस मामले में दखल दिया. कुछ संगठनों ने शांति की अपील भी की थी असम के धुबरी जिले में हाल ही में एक हनुमान मंदिर के पास गोमांस मिलने की घटना ने सांप्रदायिक तनाव को जन्म दिया है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं।ईद-उल-अजहा के एक दिन बाद, धुबरी जिले के एक हनुमान मंदिर के पास मवेशी का सिर और मांस के टुकड़े पाए गए। स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए किया गया। इसके बाद इलाके में तनाव फैल गया, और पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस घटना को गंभीरता से लिया। उन्होंने ट्वीट किया कि धुबरी में एक विशेष वर्ग हमारे मंदिरों को क्षति पहुंचाने की नीयत से सक्रिय हो चुका है। इसके बाद, उन्होंने पुलिस को अवैध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया और “देखते ही गोली मारने” के आदेश जारी किए।स्थिति को नियंत्रित करने के लिए धुबरी जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है, ताकि भीड़ एकत्रित न हो सके और स्थिति और न बिगड़े। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती की गई है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री सरमा के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन पर सांप्रदायिक बयानबाजी करने और राज्य में अशांति फैलाने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।
असम सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए संवेदनशील इलाकों में कड़ी निगरानी और शांति बनाए रखने की अपील की है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।