
समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकाल में भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता पर सवाल उठते रहे हैं।
योगी सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश ने एक ऐतिहासिक और पारदर्शी भर्ती प्रणाली की दिशा में कदम बढ़ाया है।
लखनऊ, 18 जून:
उत्तर प्रदेश में कभी युवाओं के लिए सबसे बड़ा खतरा भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक से होता था, लेकिन मौजूदा सरकार की कड़ी निगरानी और सख्त कार्रवाई के चलते अब स्थिति में बड़ा बदलाव आया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने पेपर लीक जैसे अपराधों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाते हुए दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकाल में भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता पर सवाल उठते रहे हैं। उस समय शायद ही कोई ऐसी परीक्षा रही हो जिसे लेकर पेपर लीक या धांधली की शिकायत न आई हो। युवाओं में परीक्षा को लेकर भय और असुरक्षा का माहौल बना रहता था। मेहनती अभ्यर्थी हर बार इस डर से गुजरते थे कि कहीं फिर से उनकी मेहनत पेपर लीक की भेंट न चढ़ जाए।
लेकिन पिछले कुछ वर्षों में तस्वीर बदल चुकी है। योगी सरकार के कार्यकाल में उत्तर प्रदेश ने एक ऐतिहासिक और पारदर्शी भर्ती प्रणाली की दिशा में कदम बढ़ाया है। हाल ही में सम्पन्न हुई 60,244 कांस्टेबल पदों की भर्ती परीक्षा इसका बड़ा उदाहरण है, जो बिना किसी विवाद या पेपर लीक के सफलतापूर्वक आयोजित की गई।
सरकार के सख्त रुख और तकनीकी निगरानी व्यवस्था के चलते अब युवाओं को न तो किसी सिफारिश की जरूरत है, न ही सेटिंग या रिश्वत की। मेहनत ही सफलता की एकमात्र कुंजी बन चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में प्रतिभा के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।