
आज की शुभ दिशा: पूर्व, उत्तर, उत्तर-पूर्व दिशा शूल: दक्षिण दिशा (यदि यात्रा अति आवश्यक हो, तो दही खाकर प्रस्थान करें।)
🌅 दिन विशेष:
आज विक्रम संवत 2082 का आषाढ़ मास, कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण को समर्पित है। इस शुभ दिन पर हम श्रीकृष्ण के चरणों में वंदना अर्पित करते हैं:
“वासुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्।
देवकी परमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्॥”
🕉️ धार्मिक दृष्टिकोण से आज का महत्व
-
पंचक चल रहे हैं – विशेष कार्य जैसे लकड़ी इकट्ठा करना, नए बिस्तर खरीदना, यात्रा आदि वर्जित माने जाते हैं।
-
गंडमूल प्रवेश: रात्रि 11:17 बजे से – यह नक्षत्र परिवर्तन विशेष पूजा और सावधानी की मांग करता है।
-
सौभाग्य योग – शुभ कार्यों के लिए अत्यंत अनुकूल। विवाह, नई शुरुआत, संपत्ति क्रय आदि में लाभकारी।
🪐 ग्रहों की स्थिति (वैदिक ज्योतिष अनुसार):
ग्रह | राशि | नक्षत्र व चरण | नक्षत्र स्वामी |
---|---|---|---|
🌞 सूर्य | मिथुन | मृगशिरा चरण 4 | मंगल |
🌙 चंद्र | मीन | उत्तर भाद्रपद → रेवती | शनि → बुध |
🪔 मंगल | सिंह | मघा चरण 2-3 | केतु |
🧠 बुद्ध | मिथुन | पुनर्वसु चरण 2 | गुरु |
📿 गुरु (अस्त) | मिथुन | आर्द्रा चरण 1 | राहु |
💃 शुक्र | मेष | भरणी चरण 2 | शुक्र |
🪵 शनि | मीन | उत्तर भाद्रपद चरण 2 | शनि |
☄️ राहु | कुंभ | पूर्व भाद्रपद चरण 3 | गुरु |
🛐 केतु | सिंह | उत्तरा फाल्गुनी चरण 1 | सूर्य |
🌕 चंद्र नक्षत्र व गोचर स्थिति:
-
प्रातः 6:06 बजे उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के चरण 2 में प्रवेश
-
11:50 बजे चरण 3
-
5:33 बजे चरण 4
-
11:17 PM से रेवती नक्षत्र के प्रथम चरण में प्रवेश
⚠️ राहुकाल (अशुभ मुहूर्त):
दोपहर 2:00 से 3:30 बजे तक
👉 इस समय कोई भी नया कार्य, खरीदारी या शुभारंभ न करें।
💠 शुभ दिशाएं एवं दिशा शूल:
-
आज की शुभ दिशा: पूर्व, उत्तर, उत्तर-पूर्व
-
दिशा शूल: दक्षिण दिशा (यदि यात्रा अति आवश्यक हो, तो दही खाकर प्रस्थान करें।)
🧭 दैनिक लग्न सारणी (शुभ कार्य हेतु समय निर्धारण):
समय | लग्न |
---|---|
5:09 AM तक | वृष |
7:23 AM तक | मिथुन |
9:43 AM तक | कर्क |
12:02 PM तक | सिंह |
2:18 PM तक | कन्या |
4:36 PM तक | तुला |
6:55 PM तक | वृश्चिक |
8:59 PM तक | धनु |
10:42 PM तक | मकर |
📆 आज के पर्व, त्यौहार, व उपयुक्त क्रियाएं:
-
विशेष पर्व उल्लेखनीय नहीं है, लेकिन चंद्र स्थिति के अनुसार कुछ क्षेत्रों में कृष्ण अष्टमी व्रत हो सकता है।
-
गुरुवार होने के कारण बृहस्पति पूजन, विष्णु सहस्रनाम पाठ, तथा गुरु बृहस्पति से संबंधित दान श्रेष्ठ माने गए हैं।
🙏 धार्मिक संदेश:
आज के दिन ज्ञान, सत्य और धर्म के प्रतीक श्रीकृष्ण की वंदना करें।
अपने कर्मों में श्रद्धा, संकल्प और समर्पण को स्थापित करें।
शुभ योग में आरंभ किए गए कार्य आपके जीवन में सौभाग्य एवं समृद्धि लाते हैं।