
यही दिन ‘राष्ट्रीय ध्वज दिवस’ घोषित किया जाना सबसे उपयुक्त होगा।
गुरुग्राम, 22 जून: हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक शील मधुर ने एक बार फिर प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि 22 जुलाई को ‘राष्ट्रीय ध्वज दिवस’ के रूप में घोषित किया जाए और इसे राष्ट्रीय पर्व के रूप में पूरे देश में उत्साहपूर्वक मनाया जाए। उन्होंने कहा कि तिरंगा हमारे देश की स्वतंत्रता, एकता और गरिमा का सबसे पवित्र प्रतीक है, जो सम्पूर्ण देशवासियों को एक सूत्र में बांधता है।
गुरुग्राम (हरियाणा) में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए शील मधुर ने कहा कि 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में वर्तमान स्वरूप वाले तिरंगे को स्वीकार किया गया था, अतः यही दिन ‘राष्ट्रीय ध्वज दिवस’ घोषित किया जाना सबसे उपयुक्त होगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 से अब तक कई बार प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति को इस संबंध में ज्ञापन भेजे जा चुके हैं, और आज भी एक बार फिर वे यह ज्ञापन प्रेषित कर रहे हैं, इस आशा के साथ कि यह आवाज़ जल्द ही सुनी जाएगी।
राष्ट्रीय ध्वज दिवस’ को एक माह तक चलने वाले उत्सव के रूप में मनाया जाए
शील मधुर ने कहा कि उनके लिए यह एक देशभक्ति से ओतप्रोत संघर्ष है, जो तिरंगे के सम्मान के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि देशवासियों के सहयोग से यह प्रयास और अधिक सशक्त रूप में आगे बढ़ेगा। पूर्व पुलिस महानिदेशक ने यह भी प्रस्ताव रखा कि ‘राष्ट्रीय ध्वज दिवस’ को एक माह तक चलने वाले उत्सव के रूप में मनाया जाए, जिसमें पूरे देश में विविध आयोजन हों। उन्होंने बताया कि इस वर्ष वे इस महोत्सव की शुभारंभ तिथि 23 जून से कर रहे हैं, जो कि ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है।
देशवासियों से तिरंगे के प्रति अपने प्रेम और राष्ट्रभक्ति की भावना को खुलकर व्यक्त करने की अपील की
23 जून 1947 को ही संविधान सभा ने स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइन, रंग आदि को तय करने के लिए सात सदस्यीय ‘ध्वज समिति’ का गठन किया था, जिसने एक माह के भीतर अपने सुझाव प्रस्तुत किए, जिन्हें स्वीकार करते हुए 22 जुलाई 1947 को भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा विधिवत स्वीकार किया गया। उन्होंने कहा कि हमारा यह उत्सव स्वतंत्र भारत के इतिहास की उसी गौरवशाली घटना से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।
शील मधुर ने सभी देशवासियों से तिरंगे के प्रति अपने प्रेम और राष्ट्रभक्ति की भावना को खुलकर व्यक्त करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हर नागरिक को अपने-अपने ढंग से इस पर्व को मनाना चाहिए, जिससे देश में राष्ट्रभक्ति की भावना को बल मिले, जो आज के समय की एक महती आवश्यकता है।
आइए, तिरंगे के सम्मान में अपनी एकता, अखंडता और राष्ट्रीय एकजुटता का परिचय दें ।