
12 दिन की जंग में तबाही का मंजर ईरान के 800 से ज्यादा लोग मारे गए इजरायल के बड़े शहरों में मचा हड़कंप
तेहरान/तेल अवीव 24 जून 2025
मध्य पूर्व एक बार फिर युद्ध की भट्ठी में झुलस उठा। इजरायल और ईरान के बीच छिड़ा 12 दिनों का विनाशकारी संघर्ष इतिहास में एक और काला अध्याय बन गया है। इस भीषण युद्ध में दोनों देशों को भारी मानवीय और बुनियादी ढांचे की क्षति उठानी पड़ी है। युद्ध में सबसे अधिक नुकसान ईरान को हुआ है। सामने आए आंकड़ों के अनुसार, करीब 657 से 800 लोगों की जान गई, जिनमें से 263 आम नागरिक थे। ईरान के नतांज, फोर्डो और पार्चिन जैसे महत्वपूर्ण परमाणु और सैन्य ठिकानों को इजरायली हमलों में भारी क्षति पहुंची है। कई रक्षा प्रतिष्ठान, रडार सिस्टम और मिसाइल भंडारण केंद्र पूरी तरह तबाह हो गए। हालांकि इजरायल की सैन्य तैयारी मजबूत थी, लेकिन वह भी युद्ध की आग से अछूता नहीं रहा। तेल अवीव, हाइफा और बीर शेवा जैसे बड़े शहरों में मिसाइल हमलों के चलते 24 से 30 नागरिकों की मौत हुई है। कई अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स, रेलवे स्टेशनों और सैन्य डिपो को नुकसान पहुंचा। युद्ध के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ अत्याधुनिक मिसाइल और ड्रोन हमलों का प्रयोग किया। इजरायल की वायुसेना ने ईरान के अंदर गहराई तक घुसकर हमले किए, वहीं ईरान ने भी इजरायल के शहरों पर हजारों की संख्या में बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें दागीं। कई बार इस युद्ध ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को भी जन्म दिया। युद्ध के कारण दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाएं लड़खड़ा गई हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में तेल की कीमतों में उछाल आया और वैश्विक शेयर बाजारों पर भी असर पड़ा। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस और चीन जैसे वैश्विक ताकतों ने इस युद्ध पर गहरी चिंता जताई है और तुरंत युद्धविराम की अपील की थी। इस युद्ध की चिंगारी ईरान की परमाणु गतिविधियों और इजरायल के खुफिया अभियानों से जुड़ी बताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह संघर्ष केवल सतह पर शांत हुआ है, लेकिन गहराई में दुश्मनी और बढ़ गई है। यदि कूटनीतिक प्रयास विफल होते हैं, तो आने वाले समय में एक और, शायद उससे भी भयावह युद्ध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
अगर बात करें निष्कर्ष की तो
इजरायल-ईरान युद्ध भले ही थम गया हो, लेकिन इसके निशान गहरे हैं। दोनों देशों के लिए यह युद्ध एक त्रासदी से कम नहीं और पूरी दुनिया के लिए चेतावनी है कि क्षेत्रीय टकराव किसी भी वक्त वैश्विक संकट में बदल सकता है। 12-दिवसीय इजरायल-ईरान युद्ध ने दोनों देशों को भारी नुकसान पहुंचाया. ईरान में 657-800 लोग मारे गए, जिनमें 263 नागरिक थे. इजरायल में 24-30 नागरिक मारे गए. ईरान के नतांज, फोर्डो और पार्चिन जैसे परमाणु और सैन्य ठिकाने नष्ट हुए, जबकि इजरायल के तेल अवीव, हाइफा और बीर शेवा में नागरिक और सैन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा.