
पुलिस आयुक्त ने यह भी जानकारी दी कि दिनांक 23 मई 2025 को "विशेष साइबर अपराध शाखा" की स्थापना की गई है।
पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने दिए कड़े निर्देश, साइबर अपराधियों को करें बेनकाब, जनता को करें जागरूक”
गुरुग्राम, 25 जून 2025।
साइबर अपराधों पर नियंत्रण और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गुरुग्राम पुलिस आयुक्त श्री विकास अरोड़ा (IPS) की अध्यक्षता में 24 जून को एक विशेष समीक्षा बैठक आयोजित की गई। यह बैठक पुलिस आयुक्त कार्यालय के सभागार में सम्पन्न हुई, जिसमें सहायक पुलिस आयुक्त साइबर क्राइम श्री प्रियांशु दीवान (HPS) सहित गुरुग्राम जिले के सभी साइबर थानों के अधिकारी मौजूद रहे।
📊 आंकड़े चौंकाने वाले, कार्रवाई होनी चाहिए सख्त: पुलिस आयुक्त
मीटिंग के दौरान पुलिस आयुक्त ने साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की और कहा:
“हर दिन बढ़ रही साइबर ठगी की घटनाएँ एक गंभीर चुनौती हैं। सिर्फ अभियोग दर्ज कर देना काफी नहीं, हमें प्रभावी और तत्पर कार्रवाई करनी होगी और जनता को सजग बनाना होगा।”
📈 साइबर अपराधों के ताजा आंकड़े:
वर्ष 2024
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कुल शिकायतें: 40,051
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दर्ज केस: 1,358
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गिरफ्तार साइबर अपराधी: 1,868
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ठगी गई राशि: ₹3 अरब 87 करोड़ 96 लाख
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बरामद/होल्ड की गई राशि: ₹40 करोड़ 75 लाख
वर्ष 2025 (1 जनवरी से 31 मई तक)
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कुल शिकायतें: 16,315
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दर्ज केस: 701
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गिरफ्तार अपराधी: 1,079
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ठगी गई राशि: ₹1 अरब 26 करोड़ 85 लाख
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बरामद राशि: ₹20 करोड़ 15 लाख
👉 इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि गुरुग्राम पुलिस ने इस वर्ष अधिक प्रभावी कार्रवाई की है।
🧠 31 से 40 वर्ष के लोग सबसे अधिक शिकार
पुलिस आयुक्त ने बैठक में बताया कि 31-40 वर्ष आयु वर्ग के लोग साइबर ठगों के सबसे आसान निशाने बन रहे हैं। अतः इस वर्ग को विशेष रूप से जागरूक करना अनिवार्य है, जिससे वह खुद सतर्क रहें और अन्य को भी सतर्क करें।
🏢 विशेष साइबर अपराध शाखा की स्थापना
पुलिस आयुक्त ने यह भी जानकारी दी कि दिनांक 23 मई 2025 को “विशेष साइबर अपराध शाखा” की स्थापना की गई है। इस शाखा का उद्देश्य अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से अपराधियों को पकड़ना और बड़ी ठगी की वारदातों को समय रहते रोकना है।
“साइबर थानों में स्टाफ की संख्या बढ़ाई जा रही है और सभी कर्मियों को हाईटेक टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग दी जा रही है।”
📢 जागरूकता ही असली सुरक्षा
अंत में, पुलिस आयुक्त ने दोहराया कि जनता को जागरूक करना सबसे ज़रूरी कदम है:
“लोग यदि जानकारी से लैस होंगे, तो साइबर ठगों की साजिशें स्वतः विफल हो जाएंगी। जागरूकता के लिए सोशल मीडिया, जनसभाओं, स्कूल-कॉलेजों व अन्य माध्यमों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाए।”
✍️ निष्कर्ष:
गुरुग्राम पुलिस अब साइबर अपराधों के प्रति केवल रिएक्टिव नहीं, बल्कि प्रीवेंटीव रणनीति के साथ काम कर रही है। बढ़ती शिकायतों, ठगी की रकम और टेक-सेवी अपराधियों को देखते हुए यह कड़े कदम समय की माँग हैं।