
डिप्टी मेयर के चुनाव की तिथि अभी तक घोषित नहीं की गई है। बावजूद इसके, दोनों गुटों द्वारा पार्षदों को साधने, जोड़ने और छुपाने की राजनीति पूरे चरम पर है।
गुरुग्राम 26 जून ,
हरियाणा के मानेसर नगर निगम में डिप्टी मेयर पद को लेकर जबरदस्त राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। बीते पांच महीने पहले हुए मेयर चुनाव के बाद अब तक डिप्टी मेयर का चुनाव नहीं हो पाया है, लेकिन इससे पहले ही सत्ता पक्ष भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं – केंद्रीय राज्य मंत्री एवं गुरुग्राम से सांसद राव इंद्रजीत सिंह और हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह – के बीच तनातनी साफ देखी जा रही है। दोनों ही नेता डिप्टी मेयर पद पर अपने-अपने समर्थक को बैठाने के लिए जोर-आजमाइश में जुटे हैं।
🔹 मेयर चुनाव में दिख चुका है संघर्ष
गौरतलब है कि मानेसर नगर निगम के मेयर पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने सुंदरलाल सरपंच को उम्मीदवार बनाया था। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर, और मंत्री राव नरबीर सिंह ने सुंदरलाल के समर्थन में पूरी ताकत झोंकी थी। इसके बावजूद भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. इंद्रजीत सिंह विजयी रहे।
सूत्रों के अनुसार, इस हार की वजह केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की नाराज़गी मानी जा रही है, जिन्होंने पार्टी के अंदर रहकर भाजपा प्रत्याशी का अंदरखाने विरोध किया और निर्दलीय डॉ. इंद्रजीत को समर्थन दिया। अब वही खींचतान डिप्टी मेयर चुनाव को लेकर दोबारा दिखाई दे रही है।
🔹 पार्षदों की खरीद-फरोख्त का दौर, कई ‘लापता’
मानेसर नगर निगम में कुल 20 पार्षद हैं। इनमें से कई पार्षदों की वर्तमान स्थिति स्पष्ट नहीं है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, कुछ पार्षदों को गोवा और गुवाहाटी जैसे स्थानों पर भेजा गया है, ताकि विरोधी गुट उन्हें अपने पक्ष में न कर सके। दोनों ही गुट – भाजपा समर्थित गुट और निर्दलीय मेयर समर्थक गुट – पार्षदों को छुपा कर रखे हुए हैं।
हालांकि भाजपा ने कई निर्दलीय पार्षदों को पार्टी में शामिल भी करवाया है। दयाराम सहित कुछ अन्य पार्षद भाजपा में शामिल किए गए हैं, लेकिन पार्टी में उनके प्रति पूरा विश्वास अब भी नहीं है। यही कारण है कि पार्षदों को लेकर निगरानी और रणनीति चरम पर है।
🔹 डिप्टी मेयर की कुर्सी पर प्रतिष्ठा दांव पर
सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह डिप्टी मेयर पद को भाजपा के कब्जे में देखना चाहते हैं। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, एक बार फिर निर्दलीय मेयर डॉ. इंद्रजीत के करीबी को इस पद पर देखना चाहते हैं। यह सीधा टकराव भाजपा के भीतर एक गंभीर नेतृत्व संघर्ष को दर्शाता है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर भी चाहते हैं कि यह सीट भाजपा के पक्ष में जाए। लेकिन पार्टी के ही वरिष्ठ नेता राव इंद्रजीत सिंह अंदरखाने इस रणनीति को नाकाम करने में लगे हैं।
🔹 धमकी के आरोप, FIR दर्ज
इस पूरे सियासी संघर्ष के बीच एक नया मोड़ तब आया जब निर्दलीय मेयर डॉ. इंद्रजीत के पति राकेश हयातपुर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। उन पर आरोप है कि उन्होंने कुछ पार्षदों को धमकाया है। हालांकि अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।
🔹 अभी तय नहीं चुनाव की तारीख, लेकिन जोड़तोड़ शुरू
डिप्टी मेयर के चुनाव की तिथि अभी तक घोषित नहीं की गई है। बावजूद इसके, दोनों गुटों द्वारा पार्षदों को साधने, जोड़ने और छुपाने की राजनीति पूरे चरम पर है। यह केवल एक पद की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह तय करेगा कि गुरुग्राम और दक्षिण हरियाणा की राजनीति में किस नेता का वर्चस्व अधिक है।
मानेसर नगर निगम में डिप्टी मेयर पद को लेकर राजनीतिक पारा चढ़ा हुआ है। भाजपा के भीतर नेतृत्व संघर्ष साफ नजर आ रहा है। एक ओर जहां पार्टी नेतृत्व इस पद को भाजपा के कब्जे में देखना चाहता है, वहीं पार्टी के ही वरिष्ठ नेता की अंदरूनी नाराज़गी सत्ता समीकरणों को अस्थिर कर रही है।
डिप्टी मेयर पद किसके हाथ जाएगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन फिलहाल मानेसर की सियासत में जबरदस्त उलटफेर और सस्पेंस बना हुआ है।