
गुरुग्राम, 26 जून।
हरियाणा सरकार गरीब एवं पिछड़े वर्ग के उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसी दिशा में हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा अनुसूचित जाति के ऐसे व्यक्तियों को, जो बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) श्रेणी में आते हैं, अपना स्वयं का रोजगार शुरू करने के लिए बैंकों के माध्यम से आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस योजना की जानकारी देते हुए उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में वे परिवार पात्र माने जाएंगे जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये से अधिक न हो (जैसा कि परिवार पहचान पत्र में दर्शाया गया हो)। ऐसे पात्र परिवार किराना दुकान, मनियारी स्टोर, ब्यूटी पार्लर, ई-रिक्शा, पशु पालन, सूअर पालन अथवा अन्य किसी लाभदायक योजना के तहत अपना स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं।
डीसी ने बताया कि इस योजना के तहत कुल परियोजना लागत का 50 प्रतिशत तक की वित्तीय सहायता दी जाती है, जिसमें अधिकतम ₹10,000 तक का अनुदान और 10 प्रतिशत मार्जिन मनी शामिल होती है। यह राशि निगम की ओर से 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर उपलब्ध कराई जाती है। शेष राशि बैंक ऋण के रूप में दी जाती है।
उन्होंने यह भी बताया कि यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो किसी कौशल में दक्ष हैं, लेकिन आर्थिक अभाव के कारण अपने व्यवसाय की शुरुआत नहीं कर पा रहे थे। सरकार की यह पहल ऐसे परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
कैसे करें आवेदन?
जिला प्रबंधक चन्द्र प्रकाश ने बताया कि इच्छुक व्यक्ति निगम की आधिकारिक वेबसाइट www.hsfdc.org.in पर जाकर ऋण आवेदन फॉर्म भर सकते हैं। इसके बाद उसे संबंधित दस्तावेजों के साथ जिला कार्यालय में जमा करवाना होगा। गुरुग्राम में यह कार्यालय एससीओ 62-63, संजय कॉलोनी, सेक्टर 12ए में स्थित है।
यदि किसी आवेदक को आवेदन प्रक्रिया या योजना से संबंधित कोई जानकारी लेनी हो तो वह कार्यालय के दूरभाष नंबर 0124-2321833 पर संपर्क कर सकता है।
निष्कर्ष:
हरियाणा सरकार की यह योजना अनुसूचित जाति के गरीब परिवारों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी प्रेरित करेगी। यदि आप पात्र हैं तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं और अपने भविष्य को बेहतर बनाएं।